
अमेरिका का ड्रग्स से भरी नाव पर हुआ हमला अब जांच के घेरे में है। 2 सितंबर को हुई इस कार्रवाई में नाव पर सवार सभी 11 लोगों की मौत हो गई थी। हालिया रिपोर्टों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर दावा किया था कि यह स्ट्राइक वेनेजुएला के “नारको-आतंकवादियों” पर की गई थी, जो अमेरिका के लिए अवैध ड्रग्स ला रहे थे और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा थे।
**लक्ष्य पर उठे सवाल:**
हालांकि, ऑपरेशन की निगरानी करने वाले एक एडमिरल ने सांसदों को बताया कि नाव वास्तव में सूरीनाम की ओर जा रही थी, जो दक्षिण अमेरिका में वेनेजुएला के पूर्व में स्थित एक देश है। यह नाव संभवतः किसी बड़े जहाज से मिलने वाली थी, जो सूरीनाम की ओर बढ़ रहा था। यह भी संभव है कि ड्रग्स अंततः अमेरिका तक पहुंच सकते थे, लेकिन ड्रग प्रवर्तन अधिकारियों का कहना है कि सूरीनाम के रास्ते आमतौर पर यूरोपीय बाजार को लक्षित करते हैं।
**विवादित बयान:**
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सीनेटर मार्को रुबियो ने भी कहा था कि नाव “शायद त्रिनिदाद या कैरिबियन के किसी अन्य देश की ओर जा रही थी।” इससे पहले के उन दावों पर और भी संदेह पैदा होता है जिनमें कहा गया था कि यह मिशन सीधे अमेरिका के लिए था।
एडमिरल ने यह भी बताया कि अमेरिकी बलों द्वारा हमला किए जाने पर नाव ने दिशा बदल ली थी। नाव पर चार बार हमला किया गया। पहली बार में नाव दो टुकड़ों में बंट गई, जिससे दो लोग मलबे से चिपके रहे। बाद के हमलों में उनकी भी मौत हो गई और नाव पूरी तरह डूब गई।
**रक्षा सचिव पर दबाव:**
इस हमले की निगरानी करने वाले रक्षा सचिव पीट हेगसेथ पर पूरी घटना का वीडियो जारी करने का दबाव बढ़ रहा है ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वीडियो की समीक्षा की जा रही है, लेकिन इसे जारी करने के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। एडमिरल ने पुष्टि की कि इस मिशन का उद्देश्य नाव पर सवार सभी 11 लोगों को मारना और नाव को डुबोना था।






