अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में घोषणा की थी कि अमेरिका भी इज़राइल के आयरन डोम की तरह एक रक्षा प्रणाली बनाएगा। इसे गोल्डन डोम नाम दिया गया था। ट्रम्प ने उस समय यह भी घोषणा की थी कि इसके लिए एक डिज़ाइन भी चुन लिया गया है। अब इस परियोजना से संबंधित जानकारी सामने आई है कि अमेरिका का गोल्डन डोम कैसा दिखेगा।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन की महत्वाकांक्षी परियोजना, गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली चार परतों में निर्मित होगी। एक परत अंतरिक्ष से और तीन परतें जमीन पर होंगी। इसमें 11 छोटी दूरी की मिसाइल बैटरियां शामिल होंगी, जिन्हें अमेरिका के विभिन्न हिस्सों, अलास्का और हवाई में तैनात किया जाएगा। यह जानकारी अमेरिकी सरकार की एक प्रस्तुति से मिली, जिसकी पहली रिपोर्ट रॉयटर्स ने दी थी।
गोल्डन डोम सिस्टम को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। अनुमानित लागत लगभग 175 बिलियन डॉलर है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लॉन्चर, इंटरसेप्टर, ग्राउंड स्टेशन और मिसाइल साइट्स स्थापित किए जाएंगे। फिलहाल, कांग्रेस ने जुलाई में पारित ट्रम्प के बिल के तहत 25 बिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, और 2026 के बजट में इसके लिए 45.3 बिलियन डॉलर और रखे गए हैं।
गोल्डन डोम का विचार इज़राइल के आयरन डोम से लिया गया है, लेकिन अमेरिका के विशाल क्षेत्र और विभिन्न प्रकार के खतरों के कारण, यह सिस्टम उससे कहीं अधिक बड़ा और उन्नत होगा। इसमें चार परतें होंगी: एक अंतरिक्ष-आधारित सेंसर और ट्रैकिंग सिस्टम और तीन जमीनी परतें जिनमें इंटरसेप्टर, रडार और संभवतः लेजर हथियार शामिल होंगे। गोल्डन डोम का एक मुख्य लक्ष्य मिसाइल को उसके बूस्ट चरण में ही मार गिराना है, जब वह वायुमंडल में ऊपर की ओर बढ़ रही होती है। इसके लिए यह अंतरिक्ष में मौजूद इंटरसेप्टर तैनात करना चाहता है, जो आने वाली मिसाइलों को अधिक तेज़ी से रोक सकें।