
दुनिया का सबसे कर्जदार महाशक्ति बनने की राह पर अमेरिका? अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ताजा रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज तेजी से रिकॉर्ड स्तरों को छू रहा है, जो 2025 तक 38 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है। IMF की चेतावनी के अनुसार, अमेरिका उस मुकाम की ओर बढ़ रहा है, जिसने कभी इटली और ग्रीस जैसे देशों को वैश्विक चिंता का केंद्र बना दिया था।
IMF के अनुमानों के मुताबिक, 2035 तक अमेरिका का सकल सरकारी कर्ज जीडीपी का 143.4% तक पहुंच जाएगा, जो 2024 के 123% से काफी अधिक है। यह आंकड़ा इटली (137%) और ग्रीस (130%) जैसे देशों से भी अधिक होगा, जिन्हें लंबे समय से भारी सार्वजनिक कर्ज के प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है। यह बदलाव वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में एक बड़े उलटफेर का संकेत दे सकता है।
अमेरिका में खर्चों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जबकि राजस्व वृद्धि कमजोर बनी हुई है। संघीय ब्याज लागत बजट के अन्य सभी मदों से कहीं तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में, अकेले ब्याज का भुगतान परिवहन और शिक्षा पर होने वाले सरकारी खर्च से भी अधिक है। विश्लेषकों का अनुमान है कि ब्याज दरों में प्रत्येक 1% की वृद्धि से राष्ट्र के वार्षिक उधार बिल में लगभग 380 बिलियन डॉलर का इजाफा होता है।
IMF को उम्मीद है कि 2035 तक अमेरिका के बजट घाटे में हर साल जीडीपी का 7% से अधिक की कमी नहीं आएगी। इतनी लंबी अवधि तक गहरे घाटे का सामना करने वाली कोई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था नहीं है। यह वृद्धि महंगे कर नीतियों, सेवानिवृत्ति और स्वास्थ्य सेवा के बढ़ते दायित्वों, रक्षा बजट में विस्तार और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के कारण बढ़े उधार की लागत का परिणाम है।
इसके विपरीत, यूरोप में इटली और ग्रीस वर्षों के कठिन सुधारों के बाद धीरे-धीरे अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर कर रहे हैं। इटली का कर्ज लगभग 137% रहने का अनुमान है, जबकि ग्रीस का कर्ज 2030 तक 130.2% तक गिरने की उम्मीद है। IMF के अनुसार, अमेरिका विपरीत दिशा में जा रहा है, जहाँ आर्थिक विकास धीमा होने के बावजूद वित्तीय असंतुलन गहराता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका का यह कर्ज का रास्ता भविष्य में मंदी, जलवायु आपदाओं या युद्धों जैसी आपात स्थितियों में वाशिंगटन की प्रतिक्रिया क्षमता को सीमित कर सकता है। उच्च कर्ज वित्तीय लचीलेपन को कम करता है और ब्याज लागतों के संघीय बजट का बड़ा हिस्सा निगलने के कारण बुनियादी ढांचे, शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से धन को दूर ले जाता है।
अमेरिकी सरकार का 80% से अधिक कर्ज अगले दशक के भीतर परिपक्व होने वाला है। इससे लगातार नवीनीकरण का दबाव बढ़ता है, क्योंकि बाजार लंबी अवधि के ट्रेजरी पर उच्च रिटर्न की मांग करते हैं। कांग्रेस बजट कार्यालय का अनुमान है कि 2035 तक ब्याज भुगतान सालाना लगभग 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
हालांकि, अमेरिका को अभी भी डॉलर की वैश्विक प्रमुखता और उसके वित्तीय बाजारों की मजबूती का लाभ मिलता है। लेकिन IMF चेतावनी देता है कि ये फायदे हमेशा के लिए नहीं माने जा सकते। विश्वसनीयता जिम्मेदार वित्तीय प्रबंधन पर निर्भर करती है। राष्ट्रीय ऋण लगातार बढ़ रहा है, पिछले एक साल में ही 2.18 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। IMF इस वर्तमान दिशा को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए ‘अनचार्टेड टेरेटरी’ यानी अनजानी राह बता रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति से उबरने के लिए खर्चों में सुधार, करों का बेहतर प्रबंधन और दीर्घकालिक विकास योजनाएं बनाना आवश्यक है। अमेरिका का कर्ज संकट अब कोई दूर की भविष्यवाणी नहीं, बल्कि वर्तमान की हकीकत है। वह क्षण जब अमेरिकी कर्ज इटली और ग्रीस को पार कर जाएगा, एक प्रतीकात्मक मोड़ होगा। यदि वाशिंगटन ने जल्द ही अपनी दिशा नहीं बदली, तो यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक अधिक खतरनाक युग की शुरुआत बन सकता है।






