अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से अमेरिका और उसकी विदेश नीति को खतरा पैदा हो रहा है। ट्रंप के टैरिफ के कारण एक नया वैश्विक क्रम बन रहा है, जो उनके दांव को गलत साबित कर सकता है। भारत, ब्राजील और कई अन्य देशों पर भारी शुल्क लगाकर, ट्रंप ने इन देशों के सामान को अमेरिकी बाजार में महंगा कर दिया है। भारत को निशाना बनाते हुए, ट्रंप का तर्क है कि वह रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।
इन टैरिफ के पीछे ट्रंप का उद्देश्य रूस को यूक्रेन के साथ समझौते के लिए मजबूर करना, भारत पर कृषि और डेयरी क्षेत्र खोलने का दबाव डालना, चीन के विनिर्माण क्षेत्र को कमजोर करना और ब्राजील को उसकी मुखरता की सजा देना है। लेकिन इसका असर यह हो रहा है कि ये देश अब एकजुट होकर एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, जो अमेरिकी विदेश नीति के लिए अच्छा नहीं है। भारत, रूस, चीन, ब्राजील पहले से ही ब्रिक्स में शामिल हैं और एक समानांतर विश्व व्यवस्था बना रहे हैं। अब इन देशों का व्यापार और निवेश बढ़ाने की योजना ट्रंप और अमेरिका के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
1. **मोदी- लूला ने व्यापार पर बात की:** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से फोन पर बात की। ब्राजील भी भारत की तरह ही 50% टैरिफ झेल रहा है। दोनों नेताओं के बीच व्यापार, तकनीक, ऊर्जा, रक्षा, कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
2. **चीन का कड़ा रुख:** चीन ने भी अमेरिका के टैरिफ पर आपत्ति जताई है। चीन के राजदूत ने कहा कि टैरिफ को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन है।
3. **ब्रिक्स की वापसी का मौका:** ट्रंप के टैरिफ ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को फिर से एकजुट कर सकते हैं। ईरान, इथियोपिया, इंडोनेशिया, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
4. **पुतिन और डोभाल की मुलाकात:** राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी रूस जाने वाले हैं, जो ब्रिक्स और अन्य साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में अहम हैं।
5. **यूरोप से भी विरोध:** स्विट्जरलैंड में अमेरिका से लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा रद्द करने की मांग उठी है, क्योंकि अमेरिका ने स्विट्जरलैंड पर 39% टैरिफ लगा दिया।
6. **वैकल्पिक साझेदारी की तलाश:** कई देश अमेरिकी दबाव को कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन, संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और वैकल्पिक वित्तीय संस्थानों को मजबूत करने जैसे रास्ते तलाश रहे हैं।