अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे वाशिंगटन से लेकर नई दिल्ली और लंदन तक हलचल मच गई है। ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ के अनुसार, ट्रंप के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। अखबार का कहना है कि जिस उद्देश्य से ट्रंप भारत के खिलाफ टैरिफ लगा रहे हैं, उसके पूरा होने की संभावना कम ही है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिस तरीके से अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह फैसला लिया है, उससे एशिया का सबसे पुराना सहयोगी उनसे दूर जा सकता है।
ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदता है, इसलिए टैरिफ लगाया जा रहा है। अमेरिकी सरकार के अनुसार, रूस तेल बेचकर हथियार खरीद रहा है, जिसके कारण यूक्रेन में निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। रूस अपने राजस्व का एक तिहाई हिस्सा तेल बेचकर ही जुटाता है। ट्रंप के अनुसार, भारत कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और फिर खुले बाजार में बेचता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में रूस से 42 अरब पाउंड का कच्चा तेल खरीदा।