सीरिया में नई सरकार के गठन के बाद विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रपति अहमद अल-शरा अब अमेरिका या सऊदी अरब से मदद नहीं मांग रहे हैं, बल्कि संकट से निपटने के लिए सीधे रूस से संपर्क कर रहे हैं। रूसी अखबार कोमर्सांत की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अगस्त को मॉस्को में सीरियाई विदेश मंत्री असद अल-शबैानी ने वहां रह रहे सीरियाई समुदाय से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि दमिश्क ने रूस से इजराइल की सीमा के पास पहले की तरह सैन्य पुलिस गश्त फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। सीरिया का मानना है कि गोलान हाइट्स के बफर जोन में रूसी सैन्य पुलिस की वापसी इजराइली हस्तक्षेप को कम कर सकती है। नई सरकार को विश्वास है कि रूस न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखेगा बल्कि सीरिया और इजराइल के बीच संपर्क के रास्ते भी खुले रखेगा। यह कदम सीरिया के लिए सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने का एक तरीका माना जा रहा है। कई सालों तक रूसी सैन्य पुलिस इस बफर जोन में मौजूद रही थी। लेकिन करीब नौ महीने पहले, पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद रूस ने इन क्षेत्रों से अपनी सैन्य पुलिस हटा ली। इसके बाद से ही सीमा क्षेत्रों में इजराइली गतिविधियां बढ़ने लगीं, जिससे सीरिया की नई सरकार की चिंता बढ़ गई। अब नई सरकार और रूस के बीच लगातार बातचीत हो रही है, जिसमें तार्टूस और लताकिया जैसे रणनीतिक ठिकानों पर रूसी उपस्थिति को लेकर भी चर्चा शामिल है। कोमर्सांत की रिपोर्ट के अनुसार, इस मांग से सीरिया ने इज़राइल को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि सीरियाई जमीन पर उसका लगातार मौजूद रहना नई सरकार को मंजूर नहीं है।
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सीरिया का रूस की ओर झुकाव: अमेरिका और सऊदी को छोड़ पुतिन से क्यों साध रहे अल-शरा?
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