
पाकिस्तान का सबसे भयावह सच सामने आ गया है, और यह चौंकाने वाला है। जहां प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस्लामाबाद में सत्ता के गलियारों में अपनी महफिलों में व्यस्त हैं, वहीं सिंध प्रांत में एक भयानक हकीकत पनप रही है। 13 लाख से अधिक बच्चे, जिनमें पाँच साल के नन्हे-मुन्ने भी शामिल हैं, आधुनिक दासता की नरक में फंसे हुए हैं। वे अपनी उंगलियां तब तक घिस रहे हैं जब तक कि उनकी बचपन की मासूमियत खत्म न हो जाए। यह दर्दनाक स्थिति सिंध में बाल श्रम के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जहां बच्चों को उनके भविष्य से वंचित किया जा रहा है। यह स्थिति तुरंत ध्यान और कार्रवाई की मांग करती है।






