
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर ईसाइयों और हिंदुओं जैसे गैर-मुस्लिम समुदायों पर हो रहे हमलों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों ने देश में भय का माहौल बना दिया है। हसीना ने कहा कि पिछले साल अगस्त में उनके हटने के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है।
शेख हसीना ने एक कड़े क्रिसमस संदेश में कहा कि कार्यवाहक सरकार देश में “अकल्पनीय अत्याचारों” के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने हाल ही में मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने “धार्मिक अल्पसंख्यकों को जिंदा जलाने जैसी भयावह मिसालें कायम की हैं”। हसीना ने विश्वास व्यक्त किया कि बांग्लादेश के लोग इस “अंधकारमय समय” को लंबे समय तक सहन नहीं करेंगे।
देश में बढ़ रहे हमलों के बीच तनाव का माहौल है। विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों ने पिछले कुछ महीनों में लक्षित हिंसा की कई घटनाओं की सूचना दी है। ढाका में कई संगठनों ने कमजोर समूहों की रक्षा करने में सरकार की कथित विफलता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। खासकर उन क्षेत्रों में तनाव बढ़ रहा है जहां हिंदू परिवारों और व्यवसायों पर हमलों की खबरें आई हैं। हसीना ने क्रिसमस के अवसर पर देश के विविध समुदायों के बीच सद्भाव की बहाली की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा, “क्रिसमस के इस शुभ अवसर पर, मैं सभी ईसाई भाइयों और बहनों को खुशी, शांति और समृद्धि की कामना करती हूं।” उन्होंने कहा, “अंधेरा छंट जाए और सवेरा हो। बांग्लादेश सदा जीवित रहे।”
इस बीच, बांग्लादेश के कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी के भाई ने दावा किया है कि यूनुस के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के भीतर एक धड़े ने आगामी आम चुनाव को पटरी से उतारने के लिए हादी की हत्या की साजिश रची थी। उनके इस दावे के घंटों बाद, मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक (गृह मंत्रालय) एमडी खुदा बख्श चौधरी ने पद से इस्तीफा दे दिया। हादी के भाई ने एक विरोध रैली में कहा कि हादी की हत्या के जिम्मेदार लोगों को देश के सामने बेनकाब किया जाना चाहिए, अन्यथा उन्हें देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ेगा।






