
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय रात्रिभोज के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा का समापन हुआ। यह रात्रिभोज पूरी तरह से शाकाहारी था और इसने पारंपरिक थाली शैली में परोस कर भारत के विविध पारंपरिक और स्थानीय पाक अनुभवों का प्रदर्शन किया।
इस मेन्यू को रूसी प्रतिनिधियों को भारत की एक गैस्ट्रोनॉमिक यात्रा कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया था, जिससे उन्हें पारंपरिक भारतीय सामग्रियों से बने कई परिष्कृत व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिला।
मेनू कश्मीर से लेकर हिमालय तक की पाक यात्रा का एक अनूठा संगम था।
**स्टार्टर कोर्स:**
दक्षिण से उत्तर भारत तक के क्षेत्रीय विशिष्ट आइटम स्टार्टर कोर्स में शामिल थे:
* **मुरुंगेलै चारू:** दक्षिण भारतीय रसम (सूप) पेश किया गया।
* **गुच्ची दून चेतीन:** कश्मीरी अखरोट की चटनी से भरी ताज़ी मोरल्स परोसी गईं।
* **काले चने के शिकांपुरी:** काले चने के कबाब, पैन ग्रिल्ड शैली में तैयार किए गए।
* **वेजिटेबल झोल मोमो:** गरमागरम चटनी के साथ हिमालयी डंपलिंग्स का स्वाद चखाया गया।
**मुख्य व्यंजन और स्थानीय ब्रेड:**
मुख्य व्यंजनों में परोसे गए व्यंजन मुख्य रूप से उत्तर भारत के क्षेत्रीय व्यंजनों का प्रतिनिधित्व करते थे, जैसे कि ज़ाफ़रानी पनीर रोल। कई व्यंजन बेहद लज़ीज़ थे और केसर, पनीर और ताज़ी सब्जियों से बनाए गए थे।
* **ज़ाफ़रानी पनीर रोल**
* **पालक मेथी मटर का साग**
* **तंदूर भरवां आलू**
* **अचारी बैंगन**
* **येलो दाल तड़का**
**अतिरिक्त आइटम:** ऊपर बताए गए मुख्य व्यंजनों के साथ ड्राई फ्रूट और केसर पुलाव और विभिन्न भारतीय ब्रेड का एक चयन भी परोसा गया, जिसमें लच्छा पराठा, मगज़ नान, सतनज रोटी, मिस्सी रोटी और बिस्कूटि रोटी शामिल थे।
**मिठाई और पेय:** कूटनीतिक शाम को पूरा करने के लिए मिठाई के तौर पर एक पारंपरिक भारतीय मीठा व्यंजन और एक स्वास्थ्यवर्धक पेय परोसा गया।
* **मीठा अंत:**
* **बादाम का हलवा**
* **केसर-पिस्ता कुल्फी**
* **स्वास्थ्यवर्धक पेय:** यह अनार, संतरा, गाजर और अदरक के जूस का एक मिश्रण था।
राष्ट्रपति पुतिन को जूस का एक स्वस्थ चयन परोसा गया।
**राजनयिक और सांस्कृतिक महत्व:**
यह राजकीय रात्रिभोज केवल एक भोजन नहीं था; यह दो देशों के बीच आपसी संबंधों का जश्न मनाने वाला एक सांस्कृतिक कार्यक्रम था।
**अद्वितीय संगीत प्रस्तुति:**
राष्ट्रपति भवन के नौसेना बैंड ने भारतीय शास्त्रीय रागों जैसे ‘अमृतवर्षिनी’ और ‘देश’ के साथ-साथ लोकप्रिय रूसी गीतों जैसे ‘कालिनका’ और त्चैकोव्स्की के ‘नटक्रैकर सुइट’ के अंशों का एक अनूठा संयोजन प्रस्तुत किया।



