
पाकिस्तान ने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को देश का पहला रक्षा प्रमुख (CDF) नियुक्त किया है। यह एक नई और अत्यंत शक्तिशाली सैन्य पदवी है। खास बात यह है कि अब सेना प्रमुख के लिए 64 साल की आयु सीमा समाप्त कर दी गई है। संविधान में 27वें संशोधन के बाद, अब रक्षा प्रमुख के पद के लिए कोई सेवानिवृत्ति आयु नहीं होगी। यह नियुक्ति पांच साल के लिए होगी, जिसे सरकार की इच्छा पर आगे बढ़ाया जा सकता है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर जानकारी दी कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सिफारिश को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मंजूरी दे दी है। आसिम मुनीर को सेना प्रमुख (COAS) और रक्षा प्रमुख (CDF) दोनों पदों के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति के आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया, “राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर की COAS के साथ-साथ CDF के रूप में 5 साल के लिए नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।”
रक्षा प्रमुख का पद तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) पर नियंत्रण रखता है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय सामरिक कमान की देखरेख भी इस पद के अधीन होगी, जो देश के परमाणु हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का प्रबंधन करती है। इस नियुक्ति के साथ, आसिम मुनीर पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली सैन्य अधिकारी बन गए हैं।
यह नियुक्ति काफी अटकलों के बाद हुई है, खासकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आसिम मुनीर को अधिक अधिकार देने की मंशा को लेकर। देश के पहले रक्षा प्रमुख की नियुक्ति 29 नवंबर को होनी थी, जिस दिन सेना प्रमुख के रूप में आसिम मुनीर का तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा था।
रक्षा प्रमुख का पद पिछले महीने संविधान के 27वें संशोधन के तहत सैन्य कमान को केंद्रीकृत करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इस नए पद ने संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ समिति (CJCSC) के अध्यक्ष के पद की जगह ली है, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू की सेवा अवधि में दो साल का विस्तार भी स्वीकृत किया है, जो 19 मार्च 2026 से प्रभावी होगा।
आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान सशस्त्र बलों के दोनों अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं।
इस साल फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत हुए आसिम मुनीर, अपने रक्षा प्रमुख के कर्तव्यों के साथ-साथ सेना प्रमुख का पद भी संभालेंगे। वे पाकिस्तान के इतिहास में पहले सैन्य अधिकारी हैं जिन्होंने फील्ड मार्शल की पांच-सितारा रैंक और COAS व CDF दोनों के संयुक्त कमान को एक साथ संभाला है। वे पाकिस्तान के इतिहास में जनरल अयूब खान के बाद फील्ड मार्शल का खिताब पाने वाले दूसरे सेना अधिकारी हैं, जिन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का नेतृत्व किया था।





