पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिका के फ्लोरिडा में भारत के खिलाफ परमाणु हमले की धमकी दी है, जिससे सनसनी मच गई है। सवाल उठ रहा है कि जब सब कुछ शांत है तो मुनीर भारत के खिलाफ सीधे परमाणु युद्ध की बात क्यों कर रहा है? वह भी अमेरिका में बैठकर। नागासाकी परमाणु अनुसंधान संस्थान के अनुसार, पाकिस्तान के पास 160 और भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं।
मुनीर गीदड़भभकी क्यों दे रहे हैं?
1. मुनीर के अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना बयानों को पाकिस्तान के परमाणु प्रसार (न्यूक्लियर प्रोलीफ़रेशन) के इतिहास से जोड़कर देखा जाना चाहिए। पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक ए.क्यू. खान और उनके नेटवर्क ने लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीक साझा की थी।
2. पाकिस्तान समय-समय पर परमाणु हथियारों की धमकी देता रहा है, जबकि दुनिया के सामने खुद को एक ज़िम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में पेश करने की झूठी कोशिश भी करता है।
3. मुनीर की धमकी यह दर्शाती है कि दक्षिण एशिया में असली परमाणु अस्थिरता का स्रोत एक ऐसी सेना है जिसके हाथ में परमाणु बटन है, न कि कोई चुनी हुई नागरिक सरकार। यही कारण है कि सेना प्रमुख इस तरह के उकसाने वाले बयान देते हैं।
4. क्या राष्ट्रपति ट्रंप के बार-बार परमाणु संघर्ष को रोकने के दावों के बावजूद अमेरिका की जमीन से दिए गए ऐसे गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ बयानों के लिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराएगा?
5. पहलगाम से पहले, मुनीर ने यह बयान दिया था कि हिंदू और मुसलमान साथ नहीं रह सकते। इसके तुरंत बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें लोगों से उनका धर्म पूछकर नजदीक से गोली मार दी गई। यह बयान इस बात का संकेत है कि आगे और भी आतंकी हमले हो सकते हैं, जिनकी आड़ में पाकिस्तान अपनी मिसाइल और परमाणु क्षमता का हवाला देगा।
6. यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान एक गैर-जिम्मेदार परमाणु संपन्न देश है। असली खतरा यह है कि ये हथियार किसी दिन आतंकी तत्वों (non-state actors) के हाथ लग सकते हैं।
7. यह बयान पाकिस्तान के एक पुराने पैटर्न का हिस्सा है। जब भी अमेरिका पाकिस्तान की सेना का समर्थन करता है, वह अपना असली आक्रामक चेहरा दिखाने लगती है।
8. यह इस बात का भी सबूत है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है; वहां सेना ही असली सत्ता चलाती है।
9. अमेरिका में हुए गर्मजोशी भरे स्वागत से उत्साहित होकर अगला कदम पाकिस्तान में एक मौन या खुला तख़्तापलट हो सकता है, जिसमें फील्ड मार्शल राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठ जाए। पाकिस्तान में इस बात की चर्चा बहुत पहले से हो रही है।