
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हाल ही में सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए भीषण हमले के कुछ ही दिनों बाद, हनुक्का उत्सव का चिन्ह लगी एक कार में आग लगा दी गई। यह घटना गुरुवार सुबह बालक्लावा रोड पर हुई, जहां ‘हैप्पी हनुक्का’ का चिन्ह लगी एक कार घर के बाहर खड़ी थी।
हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक यह पता नहीं लगाया है कि इस घटना के पीछे कोई धार्मिक मंशा थी या नहीं। लेकिन, यहूदी समुदाय के नेताओं ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और देश में बढ़ते यहूदी-विरोधी भावना (antisemitism) पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह भावना उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
ऑस्ट्रेलियाई यहूदी एसोसिएशन ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संगठन ने कहा है कि पिछले दो सालों से ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसका कारण सरकारी स्तर पर ‘निष्क्रियता’ या ‘उकसावा’ रहा है। एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मेलबर्न में रात भर बालक्लावा रोड पर हनुक्का चिन्ह वाली कार में आग लगा दी गई। यह नए ऑस्ट्रेलिया का दृश्य है, जहाँ दो वर्षों से अधिक समय से सरकारों की निष्क्रियता और कुछ मामलों में उकसावे के कारण यहूदी-विरोधी संकट को अनियंत्रित रूप से बढ़ने दिया गया है।”
गौरतलब है कि 14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच के पास एक यहूदी कार्यक्रम में गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। दो हमलावरों ने भीड़ पर गोलियां चलाई थीं, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। इस हमले में 38 से अधिक लोग घायल हुए थे। संदिग्धों की पहचान साजिद अकरम और उसके 24 वर्षीय बेटे नवेद अकरम के रूप में हुई थी, जिन्हें पुलिस ने मार गिराया था। यह 1996 के बाद ऑस्ट्रेलिया में हुई सबसे भयावह सामूहिक गोलीबारी मानी जा रही है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने गुरुवार को घोषणा की कि उनका प्रशासन एक राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार शुरू करेगा। यह पुरस्कार बॉन्डी बीच जैसे भयानक यहूदी-विरोधी आतंकवादी हमले के दौरान असाधारण साहस दिखाने वाले नागरिकों और आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए होगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन व्यक्तियों को मान्यता देगा जिन्होंने दूसरों की रक्षा के लिए स्वेच्छा से अपनी जान जोखिम में डाली।






