बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के साथ-साथ अमेरिका ने भी उसके सहयोगी मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी सूची में शामिल किया है। मजीद ब्रिगेड को बलूचिस्तान में आत्मघाती दस्ता माना जाता है। मजीद ब्रिगेड के लड़ाके पाकिस्तान सेना और चीन के नागरिकों को निशाना बनाते हैं।
इसी वजह से यह संगठन पाकिस्तान के साथ-साथ चीन का भी कट्टर दुश्मन है। 2011 में गठित मजीद ब्रिगेड पिछले 14 सालों में पाकिस्तान के 200 से ज्यादा सैन्य कर्मियों की हत्या कर चुका है।
मजीद ब्रिगेड की स्थापना बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में एक ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा मजीद सीनियर और उनके भाई मजीद जूनियर की हत्या के बाद हुई थी। दोनों बलूच लिबरेशन आर्मी से जुड़े थे। दोनों की याद में बलूच लड़ाकों ने मजीद ब्रिगेड की स्थापना की।
इस ब्रिगेड में शामिल होने वाले सदस्य बीएलए से अलग काम करते हैं। ब्रिगेड के सदस्य अपने परिवार से मिलते हैं और अपना लक्ष्य भी खुद ही चुनते हैं। ब्रिगेड के अधिकांश सदस्य आत्मघाती हमलावर होते हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी डेटाबेस के अनुसार, संगठन के पास 150 प्रशिक्षित लड़ाके हैं। संयुक्त राष्ट्र निगरानी टीम के अनुसार बलूच इलाके में 2 प्रशिक्षण शिविर हैं, जहाँ इन लड़ाकों को टीटीपी के लोगों ने प्रशिक्षित किया है।
मजीद ब्रिगेड का निशाना पाकिस्तान सेना और उसके संस्थान हैं। मजीद के लड़ाकों ने पिछले 14 वर्षों में 200 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मारने में सफलता हासिल की है। मजीद के लड़ाके हमलों के लिए तीन चरण तैयार करते हैं: पहला, हमला कहां करना है, यह तय किया जाता है, जिसे मजीद ब्रिगेड के लड़ाके खुद तय करते हैं। फिर जानकारी दी जाती है। मजीद के मुखबिर फिर पूरी जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद हमला किया जाता है।
मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), एंटी-पर्सनल और एंटी-टैंक माइंस, ग्रेनेड, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) और विभिन्न स्वचालित हथियार जैसे एम4 राइफल के साथ-साथ बीएम-12, 107एमएम, 109एमएम प्रकार के रॉकेट हैं, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सैनिकों को मारने के लिए किया जाता है।
2018 से अब तक मजीद ब्रिगेड ने चीनी नागरिकों और उनसे जुड़े 5 ठिकानों पर हमला किया है। इन हमलों में 14 चीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। चीन ने अपने नागरिकों की हत्या पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई थी। मजीद ब्रिगेड का कहना है कि चीन प्राइवेट आर्मी के जरिए ग्वादर में बलूचिस्तानियों का उत्पीड़न कर रहा है। चीन का रोड एंड बेल्ट प्रोजेक्ट भी बलूचिस्तान से होकर गुजरता है।