ब्राजील में, सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी जेयर बोलसोनारो को तख्तापलट की साजिश के आरोप में नजरबंद कर दिया है। यह फैसला तब आया है जब हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दोस्त को बचाने के लिए ब्राजील पर 50% टैरिफ लगा दिया। इससे पहले, उन्होंने ब्राजील के मौजूदा राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को खुली धमकी दी थी कि अगर बोलसोनारो को फंसाया गया तो ब्राजील को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
हालांकि, ट्रंप की धमकियों का सिल्वा पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने ट्रंप को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि ब्राजील की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि नजरबंदी का आदेश सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंड्रे डी मोराइस ने दिया, जो खुद भी ट्रंप की नाराजगी झेल रहे हैं और अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
बोलसोनारो पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद सत्ता में बने रहने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हिंसक विद्रोह की साजिश रची थी। ट्रंप ने इस मुकदमे को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस नजरबंदी की निंदा की और कहा कि ब्राजील की संस्थाओं का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है।
ट्रंप अपने दोस्त बोलसोनारो को बचाने के लिए इस हद तक उतर आए कि उन्होंने ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंड्रे डी मोरेस पर मैगनित्स्की एक्ट के तहत प्रतिबंध लगा दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, बोलसोनारो अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते और उनसे मिलने की अनुमति केवल वकीलों या कोर्ट द्वारा स्वीकृत व्यक्तियों को ही होगी। बोलसोनारो की गिरफ्तारी के बावजूद, ट्रंप की बयानबाजी और अमेरिका की कार्रवाइयों से उनकी राजनीतिक ताकत को भी नया बल मिला है।