इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक के कब्जे वाले इलाके में पेटजेल बस्ती के पास एक फार्म में 262 मगरमच्छों को मार डाला। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सेना ने एक ‘हत्या घाटी’ बनाई और मगरमच्छों को गोलियों से भून दिया। फार्म में लगभग 800 मगरमच्छ थे। सेना ने पहले झील का पानी निकाला, फिर सैकड़ों मगरमच्छों को गोली मारी और उनके शवों को ट्रकों में भर दिया। यह फार्म कभी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल था और मगरमच्छ की खाल का व्यापार भी करता था। 2000 के दशक में यहां लगभग 3,000 मगरमच्छ लाए गए थे। सिविल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि मगरमच्छ जनता के लिए खतरनाक थे क्योंकि फार्म की देखभाल ठीक से नहीं हो रही थी। नाइल मगरमच्छ 2013 से इजराइल में संरक्षित प्रजाति है। फार्म 1990 के दशक में बना था और 2000-2005 के दूसरे इंतीफादा के दौरान पर्यटकों के लिए बंद किया गया था। फार्म के मालिक बिटन ने इलाके को सुरक्षित बनाने से इनकार कर दिया था। बिटन ने 2013 में नाइल मगरमच्छ को संरक्षित प्रजाति घोषित होने से पहले पैसों के लिए उन्हें मारा था। अधिकारियों का दावा है कि जब बिटन को उनसे पैसा कमाने का तरीका नहीं मिला, तो उसने उनकी देखभाल बंद कर दी। बिटन का कहना है कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें कोई और समाधान खोजने में मदद नहीं की। उनका मगरमच्छों को मोरक्को भेजने का समझौता भी युद्ध के कारण रुक गया।
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इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में मगरमच्छों का सफाया क्यों किया?
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