आयरलैंड से आ रही खबरें हर भारतीय को चिंतित कर रही हैं। हाल ही में, एक 6 साल की बच्ची पर हमला हुआ, और टैक्सी ड्राइवर को निशाना बनाया गया। पिछले कुछ हफ्तों में, आयरलैंड में भारतीयों पर लगातार हिंसक हमले हो रहे हैं, जो अब लूटपाट से आगे बढ़कर नस्लीय हिंसा का रूप ले चुके हैं।
भारत सरकार के अनुसार, आयरलैंड में लगभग 10,000 भारतीय छात्र हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में, उनके मन में डर और असुरक्षा का भाव होना स्वाभाविक है। आयरलैंड में भारतीयों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के पीछे कई कारण हैं। वाटरफोर्ड सिटी में एक छह साल की भारतीय बच्ची पर कुछ किशोरों ने नस्लीय टिप्पणी की और हमला किया, जिसमें उसके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला किया गया। इसी तरह, डबलिन में एक भारतीय शेफ को पीटा गया और उसका सामान लूटा गया। डबलिन के बैलीमुन इलाके में एक टैक्सी ड्राइवर को ‘अपने देश वापस जाओ’ कहते हुए पीटा गया। टालगट में एक 40 साल के भारतीय व्यक्ति के साथ भी मारपीट की गई। इन घटनाओं ने वहां रह रहे 80,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आयरलैंड में भारतीयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, खासकर हेल्थकेयर, आईटी और शिक्षा के क्षेत्र में। इससे कुछ लोगों में असंतोष बढ़ा है, और वे भारतीयों को अपनी नौकरियां छीनने वाला मानते हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय राजनीति में भी प्रवासियों को सिस्टम पर बोझ बताने वाले नैरेटिव बनते हैं, जिससे आम लोग प्रभावित होते हैं। भारतीय दूतावास ने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है और आयरिश प्रशासन से इन मामलों की जांच की मांग की है।