दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच, भारत और फिलीपींस ने एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत दौरे पर हैं। यह दौरा 4 से 8 अगस्त तक चलेगा।
इस दौरान, दोनों देशों ने न केवल दोस्ती का हाथ बढ़ाया, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए मिलकर काम करने की योजना भी बनाई है। भारत और फिलीपींस के बीच 1949 में राजनयिक संबंध बने थे, और अब 75 साल पूरे होने पर, इसे रणनीतिक साझेदारी में बदलने का निर्णय लिया गया है।
दोनों देशों ने चीन की आक्रामकता पर बिना नाम लिए चिंता जताई, और 2016 के अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले को कानूनी रूप से बाध्यकारी माना। सुरक्षा, रक्षा, व्यापार, निवेश, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी जोर दिया गया।
अब, दोनों देश संयुक्त रक्षा सहयोग समिति और रक्षा उद्योग समिति की नियमित बैठकें करेंगे। सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा तकनीक और तीनों सेनाओं की गतिविधियों में सहयोग बढ़ेगा। समुद्री सुरक्षा, हाइड्रोग्राफी, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोध और समुद्री डकैती से निपटने के लिए भी साझा प्रयास होंगे।
व्यापार को बढ़ावा देने के लिए, PTA (Preferential Trade Agreement) के माध्यम से व्यापार को आसान बनाया जाएगा। फार्मा, ऑटो, EV, कृषि, स्टार्टअप, बायोटेक, टूरिज्म और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा।
आयुर्वेद, योग और हेल्थ एक्सपर्ट्स का आदान-प्रदान बढ़ेगा। ITEC और ICCR छात्रवृत्ति के माध्यम से युवाओं को शिक्षा और रिसर्च में अवसर मिलेंगे। 2025-28 के साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रोग्राम में दोनों देश साथ मिलकर रिसर्च करेंगे। अंतरिक्ष विज्ञान, शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा, AI, फिनटेक, साइबर फॉरेंसिक जैसे विषयों में साझेदारी होगी।
दिल्ली और मनीला के बीच सीधी उड़ानें शुरू होंगी। भारतीयों को फिलीपींस जाने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होगी, और फिलीपींस के नागरिकों को भारत के लिए ई-टूरिस्ट वीजा मुफ्त मिलेगा।