
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अडियाला जेल से स्थानांतरित किए जाने की संभावना है। यह कदम उनके समर्थकों द्वारा जेल के बाहर लगातार किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए उठाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार इस मामले पर संघीय अधिकारियों के साथ मिलकर जल्द ही फैसला ले सकती है।
जेल के बाहर लगातार प्रदर्शनों से स्थानीय निवासियों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार अन्य जेलों का विकल्प तलाश रही है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अटॉक जिला जेल को एक संभावित विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं का भी मानना है कि उनके नेता को कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि “अड़ियाला के बाहर विरोध के बहाने अराजकता फैलाने” के प्रयासों को रोका जा सके।
मंगलवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब जेल अधिकारियों ने इमरान खान की बहनों और वकीलों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद, उनकी बहनों और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार तड़के, पंजाब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और कई वाहनों को जब्त कर लिया। पीटीआई ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है, आरोप लगाया है कि अदालत के आदेश के बावजूद खान के परिवार को उनसे मिलने नहीं दिया गया। पार्टी ने कड़ाके की सर्दी में महिलाओं पर वाटर कैनन के इस्तेमाल को “अमानवीय” बताया और अधिकारियों पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री के बुनियादी अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया।
हाल ही में, एक वरिष्ठ पाकिस्तानी जनरल ने इमरान खान पर मीडिया के माध्यम से सशस्त्र बलों के खिलाफ “सोची-समझी” साजिश रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने खान को “आत्ममुग्ध” और “मानसिक रूप से बीमार” व्यक्ति बताया था। सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने खान को चेतावनी दी थी कि ऐसे कृत्यों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चौधरी ने कहा था कि यह “एक भ्रमित व्यक्ति की भ्रमित मानसिकता” से उपजी धमकी है जो “खुद को अपनी अहंकार का कैदी” बना चुका है। उन्होंने कहा कि खान की”अहंकार, उनकी इच्छाएं और निराशा” इतनी बढ़ गई है कि उन्हें लगता है कि “उनके बिना दुनिया का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा”।






