
पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना-II मामले में आए फैसले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। उन्होंने देश भर में विरोध प्रदर्शन का भी आह्वान किया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खान ने यह संदेश अपने वकील के माध्यम से भेजा है।
यह फैसला इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को उनके कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में आया है। एक पाकिस्तानी अदालत ने दोनों को 17 साल की जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान इस समय जेल में हैं और उनका सोशल मीडिया तक सीधा पहुंच नहीं है।
खान ने कहा कि यह फैसला उनके लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा, “यह फैसला बिना किसी सबूत और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए जल्दबाजी में सुनाया गया है।” उन्होंने अपने वकीलों को फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान उनके वकीलों की बात नहीं सुनी गई। खान ने इंसाफ लॉयर्स फोरम और कानूनी समुदाय से कानून के शासन और संविधान की बहाली के लिए आगे आने का आग्रह किया।
पीटीआई ने इस सजा को “संविधान विरोधी, अवैध, दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे बुरा रूप” बताया है।
तोशाखाना-II मामला सऊदी क्राउन प्रिंस द्वारा मई 2021 में इमरान खान को दिए गए एक महंगे हीरे के सेट की खरीद से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इस उपहार को बहुत ही मामूली कीमत पर खरीदा गया था।
यह फैसला रावलपिंडी की अडियाला जेल में विशेष अदालत के न्यायाधीश शाहरुख अर्जुनंद ने सुनाया, जहां खान वर्तमान में कैद हैं। खान को पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 10 साल की कठोर कारावास और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई है, जो कुल 17 साल होती है। बुशरा बीबी को भी समान धाराओं के तहत वही सजा मिली है।
अदालत ने दोनों पर 1.64 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा का प्रावधान है। अदालत के आदेश में कहा गया है कि इमरान खान की वृद्धावस्था और बुशरा बीबी के महिला होने को ध्यान में रखते हुए सजा में नरमी बरती गई है।





