
चीन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे प्लास्टिक कचरे को सीधे पेट्रोल में बदला जा सकता है। यह तकनीक 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है। खास बात यह है कि यह प्रक्रिया कमरे के तापमान पर ही होती है, जिससे अधिक ऊर्जा या महंगे उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है। यह पहली बार है कि मिश्रित प्लास्टिक कचरे को इतनी आसानी और प्रभावी ढंग से पेट्रोल में बदला गया है, वह भी सामान्य तापमान और दबाव पर। यह खोज सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देती है, जिसमें कचरे को नष्ट करने के बजाय उसे पुन: उपयोग करने योग्य बनाया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से न केवल पेट्रोल, बल्कि रसायन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी बनाए जा सकते हैं, जिनका उपयोग पानी की सफाई, दवा निर्माण, खाद्य उद्योग और पेट्रोलियम क्षेत्र में किया जा सकता है।






