बांग्लादेश में अगले साल फरवरी में आम चुनाव होने वाले हैं, जिसकी घोषणा अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने की थी। चुनाव आयोग ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना, नौसेना और वायु सेना को भी शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
सोमवार को हुई बैठक में, RPO (Representation of the People Order) में बदलाव का प्रस्ताव मंजूर किया गया। अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है, तो इन बलों को चुनाव में जिम्मेदारी देने के लिए अलग आदेश की आवश्यकता नहीं होगी। सेना के जवान भी पुलिस की तरह मतदान केंद्रों पर ड्यूटी कर पाएंगे और बिना वारंट गिरफ्तारी कर सकेंगे।
पहले सेना को केवल स्ट्राइकिंग फोर्स के रूप में तैनात किया जाता था। अब, यदि प्रस्ताव पारित होता है, तो वे मतदान केंद्रों पर भी ड्यूटी करेंगे और बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार रखेंगे। यूनुस ने सेना की भागीदारी पर चिंता व्यक्त की है, यह कहते हुए कि चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने चाहिए और सेना को केवल देश की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
मेजर जनरल (रिटा.) फ़ज़ले इलाही अकबर ने कहा कि सेना को सिर्फ स्ट्राइकिंग फोर्स रखने से संसाधन बर्बाद होते हैं। अर्थशास्त्री देबप्रिया भट्टाचार्य ने सेना की बड़ी भूमिका की वकालत की है।