
सिडनी के बोंडी बीच पर हुए दर्दनाक हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया और इजरायल के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने सिडनी हमले का जिम्मेदार फिलिस्तीन को मान्यता देने के फैसले को ठहराया था। अल्बनीज ने स्पष्ट किया कि 14 दिसंबर को हुई गोलीबारी किसी कूटनीतिक फैसले का नहीं, बल्कि कट्टरपंथी विचारधारा का परिणाम थी।
दरअसल, 14 दिसंबर 2025 को बोंडी बीच पर हनुक्का उत्सव मना रहे यहूदी समुदाय पर दो हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें एक बच्चे समेत 15 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने आरोप लगाया था कि ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को मान्यता देकर ‘आतंकवाद को इनाम’ दिया है और यही इस हमले की मुख्य वजह बनी। नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियों को ‘कमजोरी और तुष्टिकरण’ करार दिया था।
इन आरोपों पर पलटवार करते हुए पीएम अल्बनीज ने सोमवार को कहा कि यह हमला आईएसआईएस (ISIS) से प्रेरित था। उन्होंने जोर देकर कहा कि आईएसआईएस एक ऐसी विचारधारा है जो इस्लाम के विकृत रूप का इस्तेमाल कर खिलाफत कायम करना चाहती है, और इसका किसी राष्ट्र की मान्यता या कूटनीतिक संबंधों से कोई लेना-देना नहीं है। अल्बनीज ने बताया कि अदालत और जांच से प्राप्त साक्ष्य स्पष्ट करते हैं कि हमलावर यहूदी विरोधी मानसिकता से ग्रस्त थे।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस त्रासदी के बाद कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। पीएम अल्बनीज ने घोषणा की है कि हेट स्पीच और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही नाजी सैल्यूट पर प्रतिबंध लगाने, यहूदी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने और गन कानूनों को और अधिक सख्त करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने सितंबर 2025 में दो-राज्य समाधान के तहत फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी।





