पेंटागन ने 19 देशों के साथ 3.5 बिलियन डॉलर का समझौता किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है जिसके तहत AIM-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) इन देशों को दी जाएगी। इस मिसाइल को खरीदने वालों में इज़राइल, यूक्रेन और ब्रिटेन जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब दुनिया भर में तनाव बढ़ा हुआ है, खासकर मध्य पूर्व में, और AMRAAM का मौजूदा भंडार खत्म होने की कगार पर है। इन मिसाइलों को अमेरिका के सभी लड़ाकू विमानों और ज्यादातर सहयोगी देशों के विमानों में लगाया जा सकता है। इनका डिज़ाइन आंखों की सीमा से परे हवाई लक्ष्यों को भेदने के लिए किया गया है, लेकिन इन्हें NASAMS (नेशनल एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम) में जमीन से मार करने वाली मिसाइल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के ड्रोन को मार गिराने, सीरिया और इराक में ड्रोन हमलों को विफल करने और ईरानी हमलों से इजराइल की रक्षा के लिए इन मिसाइलों का उपयोग किया है। ये मिसाइलें खराब मौसम में भी मार कर सकती हैं और इनकी गति 1,372 मीटर/सेकंड है। हाल ही में, अमेरिका ने मिस्र को भी AMRAAM मिसाइलें देने का फैसला किया है।
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19 देश क्यों खरीद रहे हैं यह खतरनाक मिसाइल?
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