प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने पुष्टि की है कि इजराइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा शहर पर नियंत्रण करने की योजना को मंजूरी दे दी है। दुनिया भर के संगठनों द्वारा इस योजना की निंदा के बाद, अब इजराइल में ही इसका विरोध शुरू हो गया है। तेल अवीव और इजराइल के विभिन्न शहरों में शनिवार शाम को हजारों प्रदर्शनकारियों ने एकत्रित होकर गाजा शहर पर कब्जा करने के लिए इजराइल की नियोजित कार्रवाई से पहले बंधक समझौते और युद्ध विराम की मांग की। बंधकों के परिवारों ने आम हड़ताल का आह्वान किया है और चेतावनी दी है कि यह उनके प्रियजनों के लिए ‘मौत की घंटी’ होगी। संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि पूर्ण सैन्य कब्जे से गाजा में बंद फिलिस्तीनी नागरिकों और इजराइली बंधकों के लिए ‘विनाशकारी परिणाम’ हो सकते हैं। ब्रिटेन के इजराइल में राजदूत ने कहा है कि यह ‘एक बहुत बड़ी भूल’ होगी। विरोध प्रदर्शनों में सेना ने भी आपत्ति जताई थी कि इस कदम से बंदियों को खतरा होगा, सैनिकों को बेवजह खतरा होगा और गाजा में मानवीय संकट और गहरा होगा। शनिवार की रैलियों से पहले बंधक और लापता परिवार फोरम ने कहा, ‘हमारे प्रियजनों की बलि देने के सरकार के फैसले पर एक लाल झंडा लहरा रहा है।’ फोरम ने निर्णयकर्ताओं से आग्रह किया, ‘एक व्यापक बंधक समझौते पर पहुंचे, युद्ध रोकें, हमारे प्रियजनों को वापस लाएं, उनका समय समाप्त हो गया है।’ इस योजना में हमास को निरस्त्र करना, सभी बंधकों को वापस करना, गाजा पट्टी का विसैन्यीकरण, क्षेत्र का सुरक्षा नियंत्रण अपने हाथ में लेना, और एक वैकल्पिक नागरिक प्रशासन स्थापित करना जो न तो हमास हो और न ही फिलिस्तीनी प्राधिकरण शामिल हैं। इजराइली सेना ने कहा, ‘इजराइली रक्षा बल युद्ध क्षेत्रों के बाहर नागरिक आबादी को मानवीय सहायता प्रदान करते हुए गाजा शहर पर नियंत्रण करने की तैयारी करेंगे।’
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