पर प्रकाश डाला गया
- श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-चीन दोनों के बीच संबंध महत्वपूर्ण हैं।
- सरकार यूरोपीय संघ और मध्य पूर्व के साथ मिलकर ध्यान केंद्रित करें।
- श्रीलंका को आर्थिक संकट से बचाने पर ध्यान दें- राष्ट्रपति दिसानायके।
एजेंसी, कोस्टल। श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि वे भारत और चीन के बीच फंसकर नहीं रहना चाहते हैं। मोनोक्लिन मैग्जीन के विवरण में दिसानायके ने कहा, ‘हम पड़ोसी देश के बीच दोबारा नहीं जाना चाहते। हम ना तो दबबे की होड़ में शामिल होंगे ना किसी देश का साथ देंगे।’ भारत और चीन हमारे अच्छे मित्र हैं। भविष्य में हमारी साझेदारी बेहतर होगी।
ऋण के जाल में फंस गया था श्रीलंका
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि वे यूरोपियन यूनियन, मध्य पूर्व और अफ्रीका से अच्छे भिन्न हैं। देश की विदेश नीति मंत्री होंगी। दरअसल, राजपक्षे की सत्ता में श्रीलंका के कर्ज के जाल में उलझा हुआ था। 2022 में आर्थिक मंदी के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने भारत से क्रांति सुधारे थे।
भारत के आलोचक रह चुके हैं दिसानायके
अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच समानताएं हैं। इसके अलावा भारत के आलोचक रह-रह चुके हैं। ऐसे में अनूरा ग्लोबल स्कॉलरशिप चीन का समर्थन करने जा रही है। हालाँकि उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी विदेश नीति का किसी एक देश को समर्थन नहीं मिलेगा।
हरिणी अमरसूर्या बनी श्रीलंका के प्रधानमंत्री
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने हरिनी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। राष्ट्रपति अनुरा ने हरिनी को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा विजिता हेर्थ और लक्ष्मण निपुनाराची ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली।