बांग्लादेश हिंदू पूजा: बांग्लादेश में आदिवासियों के खिलाफ एक और चुनौती, अजान के वक्त नहीं कर सकती मजेदार पूजा

बांग्लादेश हिंदू पूजा: बांग्लादेश में आदिवासियों के खिलाफ एक और चुनौती, अजान के वक्त नहीं कर सकती मजेदार पूजा
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान नमाज और अजान पर रोक। -फाल फोटो

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  1. बांग्लादेश के गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी।
  2. इस साल बांग्लादेश में 32,666 पूजा मंडप देखेंगे।
  3. दुर्गा पूजा के समय हिंदू मूर्तिपूजा में मदरसा छात्र मूर्तिपूजा।

एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश समाचार: बांग्लादेश में हिंदू लगातार प्रतिद्वंद्वी हैं। शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद हिंदू परिवारों और उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। चार बड़ी कहानियाँ में मॉब लिचिंग हुई। दस से सबसे बड़ी मस्जिद में बनी है।

हिंदू इंस्टीट्यूट को यूनिवर्सिटी और प्लास्टर से आउट आउट का भुगतान किया जाता है। अब दुर्गा पूजा के अजान के दौरान पूजा-पाठ पर रोक लगा दी गई है।

भगवान के लिए तालिबानी आदेश

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहां जागीर आलम चौधरी ने चेतावनी दी है कि हिंदू समुदाय के लोगों के लिए अजान और नमाज के दौरान पूजा-पाठ करना और लाउडस्पीकर बजाना पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यदि किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो बिना किसी आरक्षण के पुलिस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

लाउडस्पीकर पर भजन सुनने पर प्रतिबंध

सरकार का कहना है कि इस जज्बे के साथ सभी देवताओं की स्थापना की जाएगी, जो अगले महीने शारदीय नवरात्रि में भक्तों की स्थापना की जाएगी। सभी सामानों में अजान से 5 मिनट पहले पूजा-पुजारी को बंद करना होगा। अजान और नमाज के समय लाउडस्पीकर पर भजन सुनने और मंत्रोचारण पर प्रतिबंध लगेगा।

30 हज़ार से अधिक पूजा मंडप बनाते जायेंगे

मोहम्मद जहां जागीर आलम चौधरी ने बताया कि देश में 32,666 पूजा स्थल मिलेंगे। 157 प्लाजा ढाका साउथ सिटी और 88 नॉर्थ सिटी रेलवे में होंगे। वहीं, डेज डेज सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान मदरसे में छात्रों के लिए मदरसे का ऑर्डर जारी किया।

हसीना के प्रत्यर्पण के लिए उठाएंगे कदम- ताजुल इस्लाम

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद तज़ुल इस्लाम ने कहा कि शेख़ हसीना भारत से प्रत्यर्पण के लिए ठोस कदम उठाएंगी, ताकि छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं के आरोप को लेकर वैधता याचिका दायर की जा सके। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दिए जाने की बात कही गई। वह देश छोड़कर भारत चला गया।

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