पर प्रकाश डाला गया
- चाँद की मिट्टी रेगोलिथ पर चीन कर रहा प्रयोग
- रेगोलिथ और इंजिनियर के बीच की जा रही रायशन
- 51 ग्राम रेगोलिथ से 76 एमएल पानी बनने की संभावना
एजेंसी, बीजिंग (अंतरिक्ष विज्ञान समाचार)। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हर देश आगे बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में सफल लोगों के लिए विकसित देशों में होड़ मची है। इस मामले में उन्नत देश भी पीछे नहीं है। खासतौर पर चांद पर खोज के मामले में आगे बढ़ने के लिए वैज्ञानिक प्रयास किए जा रहे हैं। अब अपने अनोखे प्रयोग के लिए जाने वाले चीन ने भी इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है।
चीन के वैज्ञानिक अब चांद की मिट्टी के जरिए पानी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो यह काफी बड़ा अर्थ है। यदि चीन में गणतंत्र है तो यह अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला देगा।
यह साबित करना बड़ा कदम हो सकता है
असल, चांद पर पानी के संकेत मिलने के बाद चीन अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में काफी आगे जा सकता है। साथ ही लोगों के सहयोग से बसाने के प्रयास में भी ये एक अहम कदम साबित हो सकता है। यह प्रयोग चीनी अकादमी (सीएएस) के निंगबो इंस्टीट्यूट ऑफ मटेरियल्स टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (एनआईए डियाई) के प्रोफेसर वांग जुनकियांग के नेतृत्व में किया जा रहा है।
कैसे बनेगा पानी
बताया गया कि चाँद की मिट्टी से पानी बनाने के लिए चाँद की मिट्टी और वहाँ की मिट्टी रेगोलिथ के बीच एक रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। जिसके जरिए बड़े पैमाने पर पानी बनाया जा सकता है।
पानी कितना बन सकता है
किंवदंती का कहना है कि चंद्र रेगोलिथ को अगर गर्म किया जाए तो पानी बन सकता है। 51 ग्राम चंद्र रेगोलिथ से 76 टेंपरेचर पानी बनने की संभावना है। एक टन चंद्र रेगोलिथ से 50 किलोमीटर से अधिक पानी बन सकता है। जो पानी की आधी लीटर की 500 बोतल के बराबर है।