कोई भी देश सफल क्यों होता है और क्यों कोई सूची… खोजने वाले इन 3 अर्थशास्त्रियों को मिला नोबेल

कोई भी देश सफल क्यों होता है और क्यों कोई सूची... खोजने वाले इन 3 अर्थशास्त्रियों को मिला नोबेल
अमेरिका के इन तीन अर्थशास्त्रियों ने देश की समृद्धि के लिए सामाजिक आधार पर महत्वपूर्ण शोध किया है। (फोटो- X/@NobelPrize)

पर प्रकाश डाला गया

  1. अमेरिकी अर्थशास्त्रियों डेरन एसमोग्लू, साइमन जानसन और जेम्स रॉबिन्सन को सम्मानित किया गया।
  2. शोध में बताया गया कि खराब कानून व्यवस्था, शोषणकारी अस्थिर वाले समाज में विकास क्यों नहीं होता।
  3. बताया गया कि वैश्विक निराधार क्यों बनी है, विशेष रूप से आतंकवादियों और तानाशाहों से पीड़ित।

डिजिटल डेस्क, रेस्तरां। अमेरिका के तीन अर्थशास्त्री डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स रॉबिन्सन वर्ष 2024 का नोबेल अर्थशास्त्र दे रहे हैं। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इसकी घोषणा कर दी है। तीर्थयात्रियों ने बौद्धों के गठन और समृद्धि को प्रभावित करने के तरीकों का अध्ययन किया था।

अर्थशास्त्री पुरस्कार के लिए बनी समिति के अध्यक्ष जैकब स्वेन्सन ने कहा, “देशों के बीच आय में भारी अंतर को कम करना हमारे समय की सबसे बड़ी घोषणा में से एक है। पुरस्कार विजेता ने इसे प्राप्त करने के लिए सामाजिक लोकप्रियता के महत्व को दर्शाया है।” किया है।”

समदेश की सफलता-असफलता का कारण

तुर्किये मूल अमेरिकी एस्मोग्लू और ब्रिटिश-अमेरिकी जॉनसन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी अर्थशास्त्र में हैं। वहीं, ब्रिटिश-अमेरिकी रॉबिन्सन शिकागो विश्वविद्यालय में शोध कर रहे हैं। इन अर्थशास्त्रियों ने शोध में बताया कि ख़राब कानून व्यवस्था और शोषणकारी आधार वाले समाज का विकास क्यों नहीं होता है।

शोध में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि वैश्विक अछूता क्यों बनी हुई है। तानाशाही और तानाशाही से तानाशाही पर यह क्यों दूर नहीं है। इन अर्थशास्त्रियों के शोध से देश की असफलता या सफलता के मूल गुणों को समझने में मदद मिली है।

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इंसानों की बनाई मुसीबत गरीबी के लिए जिम्मेदार

एसमोग्लू और रॉबिन्सन ने साल 2012 में एक किताब लिखी थी। ‘व्हाई नेशंस फेल: द ओरिजिन ऑफ पावर, प्रॉस्पेरिटी एंड प्रॉवर्टी’ नाम की इस किताब में उन्होंने बताया था कि किस तरह के लोगों की पैदाइशी समस्याएं देश को गरीब बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।

इस बात को कॉमिक्स के लिए उन्होंने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर स्थित नोगेल्स सिटी के उदाहरण के साथ पेश किया था। उन्होंने इसमें बताया कि एक ही भूगोल, एक ही लक्ष्य और एक ही संस्कृति को साझा करने के बावजूद सीमा पर रहने वाले दोनों देशों के लोगों के जीवन में काफी अंतर है।

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उत्तरी क्षेत्र में लोग अमीर, दक्षिण में गरीबी

उत्तर में एरिजोना के नोगेल्स में लोग समृद्ध क्षेत्र हैं और लंबी उम्र तक जीते हैं। अधिकांश लोगों की पढ़ाई स्नातक स्तर तक की होती है। वहीं, दक्षिण में मेक्सिको के नोगेल्स, सोनोरा में ज्यादातर लोग बहुत गरीब हैं। इस क्षेत्र में संयुक्त अपराध होता है। इसकी वजह से वहां पर कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया है और ड्राइविंग का जोखिम भरा है।

हालाँकि, मेक्सिको में लोकतंत्र स्थापित होने के बाद अस्थिरता में सुधार हुआ है और पहले की तुलना में प्रदर्शन बेहतर हुआ है। मगर, अभी भी काफी कुछ बाकी है। इसके विपरीत, अर्थशास्त्रियों ने यह भी पाया कि देशों के बीच अंतर यह है कि अमेरिका में संपत्ति के अधिकार की रक्षा के साथ-साथ आम लोगों से भी बातचीत का अधिकार मिला हुआ है।

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