पर प्रकाश डाला गया
- उत्तर कोरिया ने दोनों देशों को जोड़ने वाली सड़क, रेल नेटवर्क बम से उड़ाया।
- जनवरी में संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण कोरिया को शत्रु राष्ट्र घोषित करने की मांग की थी।
- संविधान में बदलाव कर पहली बार दक्षिण कोरिया को शत्रु राष्ट्र घोषित किया गया।
डिजिटल डेस्क, रेस्तरां। उत्तर कोरिया (उत्तर कोरिया) के तानाशाह किम जोंग उन पर जब भी कोई फैसला लेते हैं तो पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिक जाती हैं। उनका मिसाइल परीक्षण अमेरिका तक हलचल मचाता है।
अब उन्होंने जो काम किया है, उससे पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किम जोंग उन ने अपने देश के संविधान में संशोधन करते हुए दक्षिण कोरिया को पहली बार ‘शत्रु राष्ट्र’ घोषित किया है।
उन्होंने इसी साल जनवरी में दक्षिण कोरिया को देश का मुख्य शत्रु घोषित करने की बात कही थी। तब उन्होंने कहा था कि अगर दक्षिण कोरिया में हमारी ज़मीन, वायु और जल क्षेत्र का 0.001 मिमी भी डूब जाएगा, तो युद्ध होगा।
पहली बार दक्षिण कोरिया मुख्य शत्रु राष्ट्र की घोषणा
हालाँकि, इसके बाद कोई बड़ी हलचल नहीं हुई। मगर, उत्तर कोरिया की संसद में पिछले हफ्ते दो दिवसीय बैठक हुई। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि दक्षिण कोरिया को मुख्य शत्रु राष्ट्र बनाया जाएगा।
इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से जुड़ने वाली कई सड़कों और रेल नेटवर्क को बंद करने का वीडियो जारी किया है।
हालाँकि, इन स्ट्रीट्स और रेल संपर्कों का उपयोग नहीं किया जा रहा था। मगर, किसी समय में यह दोनों देशों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाती थी।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीन) ने कहा कि उत्तर कोरिया के इस कदम से दक्षिण कोरिया पर हमला करने वाले देशों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। उत्तर कोरिया के इस फैसले के बाद दक्षिण कोरिया का विकास बढ़ा है।
हलमे के लिए सेना को तैयार रहने के निर्देश
उत्तर कोरिया के तकनीशियनों ने रविवार को अपनी सेना को निर्देश दिए कि वह दक्षिण कोरिया पर हमले के लिए तैयार रहें। किम जोंग उन के इस दावे के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया का आरोप है कि दक्षिण कोरिया ने अपनी राजधानी प्योंगयांग पर सूरज उगले थे। साथ ही खतरनाक दी कि अगर ऐसी फिल्म हुई, तो दक्षिण कोरिया को इसमें शामिल किया जाएगा।
हालाँकि, दक्षिण कोरिया ने इस आरोप को ख़ारिज कर दिया है। साथ ही नॉर्थ कोरिया को चेतावनी दी गई है कि अगर उसके नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ है, तो वह ध्यान न दे।