दिल्ली. ईवीएम को लेकर विपक्षी दल राष्ट्रवादी भाजपा पर हमलावर है। ईसाई दल का आरोप है कि, बीजेपी ईवीएम में सेटिंग कर चुनाव जीतती है। युसुफ को लेकर कई नेताओं ने यह भी दावा किया है कि इसे बड़ी आसानी से हैक किया जा सकता है, जिसका वीडियो भी शेयर किया गया है. हाल ही में कांग्रेस के दिग्गग विजय सिंह ने कहा था कि ये लोग कुछ डॉक्यूमेंट्री पर नाश्ते से खेलते हैं, ताकि किसी को शक न हो। अब कैथोलिक कम्युनिस्ट कंपनी सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि, चॉकलेट बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) में बीजेपी के पोर्टफोलियो के रूप में काम कर रहे हैं तो ये सुरक्षित कैसे हैं?
सोशल प्लेटफॉर्म मीडिया एक्स पर एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सोशल प्लेटफॉर्म सिंह सुरजेवाला ने लिखा, “अगर पाठ्यपुस्तक बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में निदेशक के रूप में भाजपा के समर्थक और प्रमुख व्यक्ति हैं तो क्या ईवीएम सुरक्षित हैं? क्या स्वतंत्र एवं राजनीतिक दल चुनाव लड़ सकते हैं? चुनाव की पवित्रता की रक्षा कौन चाहती है?” कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इस मामले में ई-सीआईओपी क्यों है?
जिस रिपोर्ट का सुरजेवाला ने कहा है, उसके मुताबिक, भारत सरकार के पूर्व सचिव आईएस सरमा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। चिठ्ठी के माध्यम से उन्होंने भाजपा नेताओं से मियामी बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के संचालन पद पर होने का सवाल उठाया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, चुनाव आयोग को इस पर सहमति देनी चाहिए, साथ ही ऐसे लोगों को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है। सरमा ने कहा कि, बीईएल द्वारा एक्शन का विवरण सार्वजनिक डोमेन में रखा जाना चाहिए।
भारत सरकार के पूर्व सचिव सरमा ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दो अन्य आयुक्तों को लिखे पत्र में कहा, “बीजेपी एक राजनीतिक दल के रूप में बीईएल की स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।” इसके अलावा मठ के निर्माण और आपूर्ति का काम करने वाली कंपनी बीईएल को सीपीएसई की निगरानी में रखती है, जिसमें ईवीएम में गुप्त जानकारी दर्ज करने वाले मानक कोड भी शामिल हैं।
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