एजेंसी, बेरूत। इज़राइल हिजबुल्लाह युद्ध: इजराइल और लेबनान के बीच युद्ध खतरनाक मोड़ पर है। हिजाब चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद भी इजरायली सेना बेरूत में हमले कर रही है। इस बीच इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने दक्षिण कोरिया में हिज्ब के आतंकियों के खिलाफ जमीनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
आईएफसी का ग्राउंडेड ऑपरेशन शुरू
आई फ़ाइफ़ ने कहा कि कुछ घंटे पहले दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ख़िलाफ़ गुप्त सूचना के आधार पर सीमित और ज़मीनी स्तर पर ऑपरेशन शुरू किए गए थे। ये लक्ष्य सीमा के करीब गांवों में स्थित हैं और इजराइली कोलम के लिए खतरा पैदा होते हैं।
सीमित हैं ये जमीनी हमले-इजरायली सेना
इजरायली डिफेंस फोर्स ने कहा, ‘वायुसेना और आई डिफेंसिव आर्टिलरी क्षेत्र में सैन्य लक्ष्यों पर हमले के साथ ग्राउंड फोर्सेस का समर्थन कर रहे हैं। इन अभियानों को राजनीतिक क्षेत्र के निर्णय के अनुसार अंजाम दिया गया है।’ आई फेल ने कहा कि हम जंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना काम जारी रखेंगे। इजराइल अपने नागरिकों को उनके घरों में वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचर भंडारण सुविधा जिसे हिजबुल्लाह ने लगभग तैनात किया था। बेरुत के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 1.5 किमी दूर एक सटीक आईडीएफ हमले में ध्वस्त कर दिया गया था।
यह बुनियादी ढांचा लेबनानी और अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र दोनों के लिए खतरा पैदा करता है।
आईडीएफ करेगा… pic.twitter.com/x4TviBeCqE
– इज़राइल रक्षा बल (@IDF) 30 सितंबर 2024
इजरायली सेना के ऑपरेशन पर अमेरिका ने कहा
ग्राउंड ऑपरेशन से पहले इजराइल ने अमेरिका को बताया था कि वह लेबनान में हिज्ब के कब्जे को कमजोर बना देगा। यूएसए के विदेश मंत्री के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि इजरायल ने हमें बताया है कि सीमा के पास हिज्ब के निशाने पर सीमित क्षेत्र में ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। मिलर ने कहा, ‘सार्वजनिक युद्ध का समर्थन जारी है, लेकिन सैन्य मंदी का कारण बन सकता है।’
भारतीय वायुसेना को काम करते हुए देखें, जब लड़ाकू जेट और ईंधन भरने वाले विमानों सहित दर्जनों भारतीय वायुसेना के विमानों ने यमन में रास ईसा और हुदायदाह के क्षेत्रों में हौथी आतंकवादी शासन से संबंधित सैन्य ठिकानों पर हमले किए: pic.twitter.com/Y6axCJDoHZ
– इज़राइल रक्षा बल (@IDF) 30 सितंबर 2024
2006 में लेबनान की सीमा में घुसी हुई थी इज़रायली सेना
इससे पहले 2006 में इजरायली सेना लेबनान में घुसेड़ थी। हिजब के निशाने पर इजरायली सीमा पर आतंकवादियों के तीन सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि दो को बंधक बना लिया गया। इजराइल के आलोचक प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने कहा था कि लेबनान को महत्व देना चाहिए। उसी रात इज़रायली सेना ने लेबनान पर हमला कर दिया। 33 दिन पहले जंग में 1100 से अधिक लेबनानी मारे गए थे। वहीं, इजराइल के 165 लोगों की जान चली गई थी।