यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि का ही कमाल है कि स्टार्ट–अप्स की दुनिया में झंडे गाड़ने के बाद भारत अब उभरते यूनिकॉर्न का ‘बादशाह’ बनने की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने 2016 में जब स्टार्टअप इंडिया योजना की पहल की थी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि भारत इतनी जल्दी इस बुलंदी पर पहुंच जाएगा। मोदी सरकार के लगातार प्रोत्साहन मिलने के कारण भारत के नित–नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप दुनिया में निरंतर नया मुकाम हासिल करते जा रहे हैं। यही वजह है कि भारत में इन यूनिकॉर्न की संख्या शतक पार करके आगे बढ़ गई है। इन सभी यूनिकॉर्न का कुल वेल्यूएशन 332.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
गौर करने की बात ये है कि भारत के इन सौ यूनिकॉर्न स्टार्टअप में 58 तो पिछले दो सालों में ही यूनिकॉर्न बने हैं। जानकारों का कहना है कि भारत के इन यूनिकॉर्न स्टार्टअप की रफ्तार अब थमने वाली नहीं है। मोदी सरकार ने 2016 में स्टार्ट-अप इंडिया योजना शुरू की थी। इसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और धन सृजित कर अर्थ-व्यवस्था को मजबूती देना है। स्टार्ट-अप इंडिया योजना कई लाभों के साथ आई- जैसे काम में आसानी, वित्तीय सहायता, सरकारी निविदा, नेटवर्किंग के अवसर, आयकर लाभ आदि। इस योजना ने एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण और भारत को स्टार्ट-अप के अनुरूप बदलने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए।
काम में आसानी के लिए सरकार ने स्टार्टअप इंडिया हब की स्थापना की, जहां निगमन, पंजीकरण, शिकायत, हैंडलिंग आदि आसानी से नियंत्रित होते हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर सरकार ने एक hassle free registration system बनाया, जिससे आप कहीं से भी और कभी भी पंजीकरण कर सकते हैं। स्टार्टअप्स को प्रेरित करने के लिए, वित्तीय सहायता और स्था स्टार्टअप के जानकारों के अनुसार, भारत की स्टार्टअप यात्रा को देखते हुए देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप बनने के लिए न्यूनतम समय 6 महीने का समय लग रहा है।
मोदी सरकार से पहले की सरकारों ने स्टार्ट-अप की ओर ही कोई ध्यान नहीं दिया, तो यूनिकॉर्न की तब तो कल्पना ही नहीं थी। मोदी सरकार आने के बाद से वित्त वर्ष 2016-17 तक भारत में हर साल में लगभग एक यूनिकॉर्न तैयार होता था। पिछले पांच वर्षों में यह संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न की संख्या में सालाना आधार पर 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 50 स्टार्ट-अप इसी साल यूनिकॉर्न बन सकते हैं। आयरन पिलर इंवेस्टमेंट फंड की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 2025 तक भारत में 250 यूनिकॉर्न बन सकते हैं।पना के बाद पहले 3 वर्षों के लिए कर छूट उपलब्ध है।
More Stories
video:छोटे किसान डेयरी सेक्टर की असली ताकत, दुनिया के लिए एक मिसाल है भारत के डेयरी कॉपरेटिव का नेटवर्क…
video:अमेरिका क्यों नहीं समझता कि पाकिस्तान ‘आंतक परास्त’ नहीं ‘आतंक परस्त’ होने में विश्वास रखता है
video:ममता बनर्जी ने कैसे पूरे पश्चिम बंगाल को बदल कर रख दिया है‘