पर प्रकाश डाला गया
- यूपीआई ने लेन-देन को बेहद आसान और तेज़ बनाया।
- यूपीआई का सुरक्षित उपयोग अत्यंत आवश्यक हो गया है।
- यूपीआई पिन को कभी भी किसी के साथ साझा न करें।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। डिजिटल युग में यूपीआई (यूनिवर्सिटी पोर्टफोलियो) ने लेन-डेन को बेहद आसान और तेज़ बनाया है। लेकिन बढ़ते साइबर अपराधियों के कारण यूपीआई का सुरक्षित उपयोग अत्यंत आवश्यक हो गया है।
बैंकर्स क्लब बिलासपुर के समन्वयक ललित अग्रवाल ने समाज को सलाह देने के उद्देश्य से यूपीआई के उपयोग के दौरान तलाक जाने वाली सावधानियों पर जोर दिया है। समन्वयक ललित ने आगे बताया कि यूपीआई पिन, ओटीपी और खाता नंबर जैसे महत्वपूर्ण कनेक्शनों का विश्वास रखना अनिवार्य है। फ़ोर्सेट्स वेबसाइट्स और एना लिंक्स से बचकर ही डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
यूपीआई पिन को कभी भी किसी के साथ साझा न करें
यूपीआई पिन को कभी भी किसी के साथ साझा न करें, कोई भी मूल्य विश्वसनीय क्यों न हो। उन्होंने यह भी बताया कि यूपीआई का उपयोग समय सारणी अत्यंत आवश्यक है। उपयोगकर्ताओं को यूपीआई के छात्रों और छात्रों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। साथ ही सुरक्षित नेटवर्क के माध्यम से ही लेन-देन करना चाहिए। यूपीआई ने भुगतान प्रणाली में क्रांति ला दी है। लेकिन इसे सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। जागरूकता के माध्यम से हम साइबर अपराधियों को रोक सकते हैं।
अन्य प्रमुख सावधानियाँ
- व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, यूपीआई पिन और ओपीटीपी विश्वास बनाए रखें।
- सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग, विश्वसनीय वाई-फाई या मोबाइल डेटा का उपयोग करें।
- लेन-डेन की जांच करें, हर ट्रांजेक्शन को क्रॉस-चेक करें।
- ऐप को अपडेट करें, यूपीआई ऐप को समय-समय पर अपडेट करें।
- चेक की निगरानी करें, किसी भी सचित्र क्रिया की रिपोर्ट तुरंत करें।
यूपीआई उपयोग में सहायक टिप्स
सावधानी जरूरी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा यूपीआई पिन और ओटीपी साझा न करें। लेन-देन की जांच हर भुगतान को सत्यापित करें। सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग सार्वजनिक नेटवर्क से जुड़ें। ऐप को अपडेट करने के लिए नवीनतम सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं।
लोग लगातार इसकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन अपराधी नए-नए तरीके खोज रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे बद्रीधर दीवान के बेटे भी ऐसे धोखे का शिकार हो गए हैं। इसी तरह से कई और विचित्र के मोबाइल चोरी हो गए, लेकिन जब बाद में जांच की गई तो पता चला कि चोरी करने वालों ने यूपीआई के माध्यम से अपनी चोरी से मोटी राशि के स्थान पर जगह बनाई है।
कार से डॉक्टर की मोबाइल चोरी
उसलापुर में रहने वाले दा चंद्रप्रकाश करण की पोस्टिंग सिम्स में है। उन्होंने पुलिस को बताया कि एक नवंबर को वे किसी काम से उसलापुर गए थे। इस दौरान चार्ल्स ने कार में रखे मोबाइल को चोरी कर लिया। उन्होंने दूसरी बार ली गई सिम से पता चला कि क्रॉइल ने यूपी के मीडिया बैंक में 93 हजार रुपए की अन्य पोस्ट डाली थी। डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच की है।
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