पर प्रकाश डाला गया
- साइबर पुलिस ने एड्री जारी की।
- भोपाल में एक महीने में 35 रिकॉर्ड सामने आए।
- किसी अननय लिंक को खोलना खतरनाक हो सकता है।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। ऑनलाइन आदिवासियों की दुनिया की खासियत जालसाजों ने अब उन लोगों को प्लास्टिक बनाना शुरू कर दिया है, जो ज्यादातर समय मोबाइल पर गुजराते हैं। साथ ही सोशल मीडिया के मीडिया पर आने वाले किसी भी वीडियो के लिंक को जरूर देखें। ऐसे उपभोक्ताओं को यह ठग व्हाट्सएप या फोन पर मैसेज कर बैंक और आधार के नाम से एपके (एंड्रॉयड एप्लिकेशन किट) का लिंक भेजा जा रहा है। एपके फ़ाइल के माध्यम से ठग लोगों के मोबाइल फ़ोन को हैक कर उसका एक्सिस ले लेते हैं। इसके बाद आवश्यक जानकारी और बैंक से संबंधित विवरण लेकर रिकार्ड बनाने का प्रयास करें। राजधानी भोपाल में एक माह में ऐसे करीब 35 रिजर्व पुलिस विभाग के साइबर क्राइम ब्रांच के पास सेंध लगाई गई है।
सबसे पहले व्हाट्सएप हैक होता है। एक्सपर्ट्स वाली बात यह है कि एक बार व्हाट्सएप हैक होता है ही मोबाइल स्टोर जिन-जिन व्हाट्सएप ग्रुप में होता है, उन सभी ग्रुप में भी इस फाइल को शामिल चेन में शामिल कर काफी लोग फोन पर हमला करने की कोशिश करते हैं।
इस नए पेंटारे से बचने के लिए साइबर क्राइम पुलिस भोपाल ने एड डिमांडरी जारी की है। बताएं कि लोगों के व्हाट्सएप पर किसी अज्ञात नंबर या ग्रुप में ऐप भेजा जा रहा है। इस ऐप को डाउनलोड करने के साथ ही अपने मोबाइल फोन के कैमरे, माइक्रोफोन, मोबाइल फोन, एसएमएस और ओपीटी से जुड़े सभी कमांड को अपने बिजनेस में ले लें।
इसके बाद मोबाइल फोन की सभी जानकारियां और ओपीटीपी ग्रेड के पास मोबाइल फोन शुरू हो जाएंगे। वहीं, मोबाइल फोन का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को इसकी सुरक्षा भी नहीं पता है कि उनकी जानकारियां संपत्तियों के नजदीक पहुंच रही हैं। टाइमलाइफ़ वह साइबर बैंक और पुलिस को जानकारी देता है तो इसे बचाया जा सकता है। अन्यथा कुछ समय बाद उसके मोबाइल पर बैंक खाते से किराये के संदेश आना शुरू हो जाते हैं।
एपके का कोई आइकन भी नहीं
मोबाइल फोन पर भी यह फाइल डाउनलोड होने के बाद फोन में कोई भी आइकन शेयर नहीं किया जाता है, जिससे इसे अनइंस्टॉल किया जा सके। फर्जी एपके लिंक को बेस्ट जालसाज बैंक और आधार कार्ड अपडेट जैसे माध्यम से भेजे जा रहे हैं। एक बार जब आप लिंक पर क्लिक करेंगे तो फोन पर इसकी डाउनलोडिंग शुरू हो जाएगी। डाउनलोड होना फोन पर पूरी तरह से शुरू हो जाता है। आपके व्हाट्सएप नंबर से लगातार अन्य समूह और निजी पर दोस्तों के लिए इस फाइल को डाउनलोड करने का संदेश जाना प्रतीत होता है।
यह सावधानी बरतें
– फोन में ऑटोमेटा डाउनलोड प्लेसमेंट को बंद करके रखें।
– किसी भी अन्य लिंक को न लिखें।
– व्हाट्सएप पर हमेशा टू स्टेप वैयर फॉलोअर्स पर क्लिक करें।
– डाउनलोड हो जाए तो इलेक्ट्रिकल साइबर के 1930 नंबर पर सूचना दे।
ऐसी फाइल कभी डाउनलोड न करें
साइबर सेल में एसीपी सुजीति तिवारी ने बताया कि मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर या ग्रुप में एपके फाइल, बैंक या आधार कार्ड अपडेट करने के लिए नाम से कोई फाइल आए, तो उसे भूलकर भी डाउनलोड नहीं करना चाहिए। अन्यथा, इसके माध्यम से गुणवत्ता जालसाज के पास पूरी जानकारी फोन पहुंच जाएगी और इसके नेशनल मोबाइल प्रयोग करने वाले को भी सुविधा नहीं है।
मैं मोबाइल का उपयोग कर रहा था। उसी समय मेरे पास मेरे व्हाट्सएप पर मैसेज आया। इसमें एक लिंक था। मैंने उसे वीडियो देखा तो मेरा फोन और व्हाट्सएप दोनों हैक हो गए। थोड़ी देर बाद ही सोच से ओटीपी जनरेट होने लगा। मैंने ऑनलाइन शिकायत की और बैंक में खाता बंद कर दिया। उसके बाद मैंने फोन ही बदल लिया।
– सजल गर्ग, बुजुर्ग इंजीनियर