मानसिक स्वास्थ्य वरदान या अभिशाप: तेजी से बढ़ती तकनीक में मानसिक स्वास्थ्य के लिए अभिशाप या अभिशाप… आपके हाथ में ही समाधान

मानसिक स्वास्थ्य वरदान या अभिशाप: तेजी से बढ़ती तकनीक में मानसिक स्वास्थ्य के लिए अभिशाप या अभिशाप… आपके हाथ में ही समाधान
सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो टेक्नोलॉजी चमकती है।

पर प्रकाश डाला गया

  1. फिजियोथेरेप्यूटिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी है मानसिक स्वास्थ्य
  2. प्रौद्योगिकी पर एक सीमा तक ही प्रतिबंध है
  3. बैलेंस बैलेंस अपनाना अत्यंत आवश्यक है

स्वास्थ्य, डेकॉर (मानसिक स्वास्थ्य)। मानसिक स्वास्थ्य का स्वस्थ स्वास्थ्य बहुत जरूरी है, चॉकलेट की चपाती स्वास्थ्य। जब शारीरिक रूप से स्वास्थ्य ख़राब होता है, तो वह बाहरी रूप से दिखता है, जिससे व्यक्ति सक्रिय रूप से सक्रिय होकर इलाज कर पाता है। मानसिक स्वास्थ्य ऐसी चीज है जो आंखों से सीधे तौर पर नहीं दिखती।

इंसानियत ख़राब हो सकती है, लेकिन घोर अवसाद से ग्रस्त हो सकता है। इसलिए इसे पहचानना इतना मुश्किल है कि इसके इलाज में बार-बार देरी भी संभव है।

आज के आधुनिकीकरण ने मानसिक स्वास्थ्य पर भी अपना प्रभाव निश्चित रूप से डाला है। युवा प्रौद्योगिकी उन्नति जारी है, गुणवत्ता ही प्रभावशाली हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रही है। तो आइए जानते हैं कि तेजी से बढ़ने वाली टेक्नोलॉजी मेंटल हेल्थ के लिए अभिशाप है या शोभा –

खुद तय करें कि आप किस तरफ हैं

बिना किसी एनोटेशन के, अलेक्जेंड्रिया, शोर शराबा, रील की लता, की खुशी देख कर तुलना करना और निराश होना, मोबाइल की तेज रोशनी से आंखों को नुकसान पहुंचाना प्रार्थना, चिकित्सा दर्शन, राक्षस, सूर्योदय को देखना, अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना, बातें करना, तो ये सभी चीजें सुबह को पुनः प्राप्त होती हैं। इस दावे से टेक्नोलॉजी एक अभिशाप बन जाता है।

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इस दावे से भी प्रौद्योगिकी एक अभिशाप

हर समय फ़ोन पर बातें करना कान को नुकसान पहुँचाना हो सकता है, मोबाइल में नज़र रहना से आँखों को समस्या होती है, तेज संगीत सुनने से दिल, दिमाग और कान पर सभी प्रभाव दिखना, बार-बार ईमेल चेक करना और रील स्क्रॉल करना रहता है मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे डिजिटल डाइमेंशिया तक होने की संभावना होती है। इसलिए इस अनुसार भी टेक्नोलॉजी एक अभिशाप मानी जा सकती है।

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ऐसे बना सकते हैं आभूषण

एक सीमित मात्रा और समय सीमा में यदि प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है तो इसके ढेरों फायदे भी होते हैं जैसे ये अकेलापन दूर करता है, खंड में दस्तावेजों से मदद लेने में मदद मिलती है, किसी उत्पाद के प्रचार या विज्ञापन के लिए, किसी जागरूकता अभियान को बढ़ावा देने के लिए, कठिन समय में किसी सहायता समूह से जुड़ने के लिए, अपनी प्रतिभा और कला का प्रदर्शन करने के लिए तकनीक एक शोभा के समान है।

इस तरह सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो टेक्नोलॉजी लिटिल ग्लिटर और लिटिल अभिशाप दोनों का ही मेल है। जरूरत है तो बस संयम और धैर्य के साथ सीमित समय की, इससे जुड़कर बने रहने की।

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