धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए, दूरसंचार विभाग ने लगभग 3-4 लाख सिम कार्ड बंद कर दिए हैं। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था। सरकार स्पैम, घोटाले और धोखाधड़ी से निपटने के लिए सख्त हो गई है। सिम कार्ड जारी करने के नियमों को कड़ा कर दिया गया है और निगरानी के लिए सर्विलांस सिस्टम भी लागू किया गया है। मई 2025 में जारी आंकड़ों के अनुसार, हर दिन लगभग 2000 सिम कार्ड वित्तीय घोटालों में शामिल पाए जा रहे हैं। धोखाधड़ी का पता लगाने और निपटने के लिए AI आधारित तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। UPI के आने से लेनदेन आसान हो गया है, लेकिन धोखेबाजों ने इसका गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सभी बैंकों को फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर लगाने की सलाह दी गई है। यह इंडिकेटर मोबाइल नंबर की पहचान कर उन्हें रिस्क कैटेगरी में डालता है। फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर से धोखाधड़ी वाले खातों पर कार्रवाई में लगने वाला समय कम हुआ है। वित्तीय संस्थान और बैंक इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकने में कर रहे हैं। दूरसंचार कंपनियां भी अपने नेटवर्क में सुरक्षा बढ़ा रही हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिए संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, अनजान कॉल और मैसेज से बचें और आधिकारिक ऐप्स का ही उपयोग करें।
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सिम कार्ड ब्लॉक: सरकार की डिजिटल स्ट्राइक, लाखों सिम कार्ड बंद
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