Uttar Pradesh प्रमुख औद्योगिक संगठन इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), , लंबे समय से लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग कर रहा है। इस मुद्दे को 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित रूस्रूश्व उद्यमी महासम्मेलन में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष रखा गया। यह विषय न केवल औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक स्थिरता और विकास में भी एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
लीज होल्ड भूमि की समस्याएँ
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि का उपयोग करते समय उद्यमियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यूपीसीडा या उद्योग निदेशालय द्वारा दी गई लीज होल्ड भूमि पर कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अनुमतियाँ प्राप्त करने में उद्यमियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चाहे वह नया उत्पाद बनाना हो, बैंक लिमिट में बदलाव करना हो या भूमि का अमल्गमेशन या सेपरेशन करना हो, उद्यमियों को बार-बार प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके साथ ही, इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का भी सामना करना पड़ता है, जिससे उद्यमियों का बहुमूल्य समय बर्बाद होता है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
यह ध्यान देने योग्य है कि लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू हुआ था। उस समय देशवासियों को गुलाम बनाया गया था, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस “गुलामी” के अंशों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया है। ऐसे में, लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
फ्री होल्ड में परिवर्तन के लाभ
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने से कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे:
- प्रशासनिक सुधार: प्रक्रिया को सरल बनाकर उद्यमियों का समय बचेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
- आर्थिक विकास: यह बदलाव प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और राजस्व में वृद्धि करेगा, जिससे सरकार के 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
- नए रोजगार के अवसर: नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी।
- सरकार का राजस्व: फ्री होल्ड भूमि पर जो राजस्व सरकार को मिलेगा, उससे नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जा सकेंगे।
समानता की आवश्यकता
इस पर चर्चा करते हुए आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने 30 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री से अपील की कि लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यह परिवर्तन सशर्त किया जाए, जिससे भूमि का उपयोग केवल औद्योगिक कार्यों के लिए ही किया जा सके।
प्रदेश के अन्य राज्यों के उदाहरण
देश के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु ने लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की नीति लागू की है। इससे ये राज्य औद्योगिक विकास की नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं, और उत्तर प्रदेश को भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
आईआईए की सक्रियता
IIA ने इस मुद्दे पर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं और ज्ञापन भी प्रस्तुत किए हैं। इसके अलावा, ए 20 ज्वाइंट फोरम के माध्यम से विभिन्न राज्यों के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है।
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग केवल एक औद्योगिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के विकास और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। आईआईए की यह मुहिम न केवल उद्यमियों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने की संभावना रखती है। यदि यह परिवर्तन सफल होता है, तो यह न केवल औद्योगिक विकास में तेजी लाएगा, बल्कि प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगा।