Uttar Pradesh में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने आवास पर मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जो करीब तीन घंटे से भी अधिक समय तक चली। इस बैठक में सीएम ने हर हाल में सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने का टारगेट दिया। इसके साथ ही, उपचुनाव को केवल चुनावी लड़ाई न मानते हुए इसे “जनता के विश्वास की जीत” करार दिया।
चुनाव प्रबंधन और संगठनात्मक मजबूती पर जोर
सीएम योगी ने बैठक के दौरान मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि चुनाव प्रबंधन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर पर संगठन का काम देख रहे पदाधिकारियों से नियमित फीडबैक लेकर, बेहतर तालमेल के साथ काम किया जाए। हर मंत्री को अपनी जिम्मेदारी वाली सीटों पर अधिक समय बिताने और चौपालों के माध्यम से जनता से सीधा संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
सीएम ने कहा, “अब समय नहीं है, सभी मंत्री अपने प्रभार वाली सीटों पर अधिक से अधिक समय दें। जनता से मिलें, उनकी समस्याओं का समाधान कराएं, और सुनिश्चित करें कि चुनावी तैयारियों में कोई कमी न रह जाए।”
जातीय समीकरणों पर नजर
उपचुनाव के लिए तैयार की गई रणनीति में जातीय समीकरण भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सीएम योगी ने मंत्रियों को निर्देश दिया कि सीटों पर जातीय समीकरणों के हिसाब से काम किया जाए। बूथ स्तर तक जातीय समीकरणों के लिहाज से नेताओं को सक्रिय करने का काम भी सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रवासी मतदाताओं की सूची बनाई जाए और उन्हें मतदान के लिए बुलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, उन जातियों और समूहों से संपर्क करने का भी निर्देश दिया गया, जिनका समर्थन चुनाव परिणामों पर प्रभाव डाल सकता है।
विकास कार्य और कानून-व्यवस्था पर चर्चा
चुनावी तैयारियों के साथ-साथ, सीएम योगी ने कानून-व्यवस्था को भी सख्त बनाए रखने की बात कही। बैठक में उन्होंने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि उपचुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की प्रगति का भी जायजा लेने और उसकी समीक्षा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों में कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह सरकार की साख का सवाल है।
सीएम योगी का स्पष्ट संदेश: उपचुनाव जनता के विश्वास की जीत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह उपचुनाव केवल चुनावी सफलता के लिए नहीं लड़ा जा रहा, बल्कि यह जनता के विश्वास की जीत होगी। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को तुरंत हल किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा, “उपचुनाव को केवल चुनावी लड़ाई न समझें। यह जनता का विश्वास जीतने का अवसर है, और इसे हर हाल में हासिल करना है।”
बीजेपी की तैयारी और विपक्ष की रणनीति पर चर्चा
बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने जानकारी दी कि सभी नौ सीटों के लिए पार्टी की चुनावी तैयारी पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह उपचुनाव होगा और हमें पूरी उम्मीद है कि सभी सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी।”
बैठक के दौरान मंत्रियों ने विपक्ष की चुनावी तैयारियों पर भी चर्चा की और उनके प्रत्याशियों की स्थिति का आकलन किया। मंत्रियों ने सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें विपक्ष की संभावनाओं और कमजोरियों का विश्लेषण किया गया था।
चुनाव के दिन तक की रूपरेखा तैयार
सीएम योगी ने सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सीटवार घर-घर जाकर संपर्क करें और नामांकन के बाद से लेकर मतदान के दिन तक का विस्तृत रोडमैप तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया के बाद, सभी मंत्री अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास करेंगे और वहां की जमीनी हकीकत का आकलन करेंगे।
मिल्कीपुर सीट पर जल्द चुनाव का ऐलान
बैठक के दौरान, मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव न होने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि इस सीट पर भी जल्द चुनाव होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव टलवाने की कोशिश करने वालों को हार का सामना करना पड़ेगा।
Uttar Pradesh में होने वाले इन उपचुनावों को लेकर भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पार्टी ने न सिर्फ चुनावी प्रबंधन को मजबूत किया है, बल्कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करने की रणनीति भी बनाई है। जातीय समीकरणों, प्रवासी मतदाताओं और बूथ स्तर तक की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए भाजपा का फोकस सभी 9 सीटों पर जीत दर्ज करने पर है।
जनता के विश्वास की जीत के रूप में देखे जा रहे इस उपचुनाव में, योगी सरकार अपनी नीतियों, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी में है। अब यह देखना बाकी है कि विपक्ष की क्या रणनीति होगी और चुनाव परिणाम किस दिशा में जाएंगे।