Mainpuri जिले के करहल विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बुधवार को एक 23 वर्षीय युवती का शव बरामद हुआ, जिसके बाद उसके परिवार ने हत्या का आरोप इस आधार पर लगाया कि उसने समाजवादी पार्टी (सपा) के पक्ष में वोट देने से इनकार कर दिया था। मैनपुरी पुलिस ने युवती का अपहरण और हत्या करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, और इस मामले में सियासी बवाल मच गया है।
युवती की हत्या का कारण क्या था?
मैनपुरी जिले के करहल थाना क्षेत्र में बुधवार को युवती का शव कंजारा गांव के पास एक खेत में मिला। युवती के पिता ने करहल थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का अपहरण कर उसे जहर देकर मारा गया। इस मामले में मुख्य आरोपी तपा की नगरिया निवासी प्रशांत यादव है, जिसके खिलाफ आरोप है कि उसने युवती को जबरन करहल उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के पक्ष में वोट देने के लिए दबाव डाला था। जब युवती ने इनकार किया, तो उसे अगवा कर हत्या कर दी गई।
पिता के अनुसार, मंगलवार दोपहर लगभग 12 बजे युवती का अपहरण किया गया और बाद में आरोपी ने डॉ. मोहन कठेरिया की मदद से उसे जहर देकर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।
सियासी विवाद: भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना के बाद, राजनीतिक माहौल गरमा गया है और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। भाजपा ने इस हत्या के मामले को लेकर सपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि सपा ने अपने गढ़ में “आतंक का माहौल” बना रखा है, जिससे चुनावों से पहले राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है।
भा.ज.पा. ने आरोप लगाया है कि सपा के दबाव में युवती ने उपचुनाव में मतदान से इनकार किया, और इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के कृत्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किए जाते हैं।
वहीं, समाजवादी पार्टी ने भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए इसे पूरी तरह से साजिश करार दिया। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह भाजपा की चाल है, जिससे वह सपा को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था, “भा.ज.पा. हमेशा ऐसी घटनाओं को अपने राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल करती है। यह घटना सपा से नहीं जुड़ी है और सपा का इससे कोई संबंध नहीं है।”
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनोद कुमार ने मामले की त्वरित कार्रवाई की जानकारी दी और बताया कि दोनों मुख्य आरोपी, डॉ. मोहन कठेरिया और प्रशांत यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की जांच की जा रही है, और जल्द ही अन्य संदिग्धों के बारे में भी जानकारी सामने आएगी।
वहीं, पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद उनसे कड़ी पूछताछ की जाएगी ताकि इस हत्या के पीछे के सभी तथ्यों का खुलासा किया जा सके। एसपी ने यह भी कहा कि मामले में राजनैतिक किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा, और निष्पक्ष जांच की जाएगी।
करहल उपचुनाव की सियासी तस्वीर
यह घटना करहल विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से पहले सामने आई है, जहां राजनीतिक माहौल पहले से ही गरमाया हुआ था। सपा और भाजपा दोनों ही दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इस हत्या के बाद आरोपों की झड़ी लग गई है और दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
हालांकि, इस मामले की गंभीरता और इसकी राजनीति से जुड़ी कड़ियां यह स्पष्ट करती हैं कि आने वाले दिनों में करहल उपचुनाव और इस हत्या को लेकर और भी नए मोड़ सामने आ सकते हैं।
हत्या के बाद राजनीतिक माहौल में बदलाव
मैनपुरी में इस हत्या ने न केवल एक युवा जीवन को समाप्त किया, बल्कि सियासी हलकों में भी नई हलचल पैदा कर दी है। जहां भाजपा इसे सपा की ओर से की गई एक बड़ी साजिश मान रही है, वहीं सपा इसे भाजपा की बदनाम करने की चाल बता रही है।
इस घटना ने मैनपुरी और पूरे उत्तर प्रदेश के राजनीतिक माहौल को और भी ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है, और अब यह देखना होगा कि मामले की जांच में क्या नया खुलासा होता है। साथ ही, इस हत्या के बाद करहल उपचुनाव में दोनों दलों के बीच चुनावी रणनीतियों में किस तरह का असर पड़ता है, यह भी एक बड़ा सवाल है।