Jaunpur जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ ने एक बार फिर से कानून-व्यवस्था की चुनौती को उजागर किया है। खुटहन और खेतासराय थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में एक गो-तस्कर को गिरफ्तार किया। यह मुठभेड़ खेतासराय के उसरबस्ती नहर पुल के पास हुई, जहां पुलिस ने घेराबंदी करके एक गो-तस्कर को धर दबोचा।
लेकिन इस गिरफ्तारी के दौरान बदमाश ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसका पुलिस ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग में गो-तस्कर के एक पैर में गोली लग गई, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस पूरे ऑपरेशन ने एक बार फिर से गो-तस्करी और पुलिस की सक्रियता को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
पुलिस की तत्परता से सफल हुआ ऑपरेशन
खुटहन थानाध्यक्ष दिव्य प्रकाश सिंह अपनी टीम के साथ बनुआडीह नहर पुलिया पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि खेतासराय थानाध्यक्ष रामाश्रय राय अपनी टीम के साथ एक बदमाश का पीछा कर रहे हैं, जो सेठुआपारा नहर की पटरी से होते हुए भागने की कोशिश कर रहा है। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने उसरबस्ती नहर पुल के पास घेराबंदी की। पुलिस की योजना थी कि जैसे ही बदमाश इस क्षेत्र में पहुंचे, उसे दबोच लिया जाएगा।
बदमाश जब मोड़कर शेरपुर की तरफ भागने की कोशिश कर रहा था, तो वह अनियंत्रित होकर गिर गया। बाइक छोड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे घेर लिया और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। लेकिन इस बीच बदमाश ने आत्मसमर्पण की बजाय पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। बदमाश का नाम निसार है, जो मारुखपुर थाना खेतासराय का निवासी है।
जवाबी फायरिंग में घायल हुआ गो-तस्कर
पुलिस की जवाबी फायरिंग में बदमाश निसार के पैर में गोली लग गई। घायल बदमाश को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर रात करीब 9:16 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अस्पताल में इलाज के बाद पुलिस ने निसार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय भेज दिया। इस मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी सफलता मिली, लेकिन एक सवाल यह भी उठा कि क्या इस तरह की मुठभेड़ें बढ़ती जा रही हैं?
बदमाश की अपराधों की लंबी सूची
गिरफ्तार किए गए गो-तस्कर निसार पर कुल 9 मुकदमें पहले से दर्ज हैं। इनमें से कुछ मामले बक्शा, खुटहन, खेतासराय और जलालपुर थानों में दर्ज किए गए हैं। यह इस बात का संकेत है कि निसार लंबे समय से गो-तस्करी के इस अवैध धंधे में शामिल था। पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे न सिर्फ एक कुख्यात अपराधी को पकड़ा गया, बल्कि इस गिरोह के अन्य सदस्य भी पकड़े जा सकते हैं।
गो-तस्करी पर कार्रवाई की अहमियत
गो-तस्करी का मामला भारत के विभिन्न हिस्सों में वर्षों से एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां यह अवैध व्यापार बड़े पैमाने पर होता है, पुलिस की सक्रियता का होना जरूरी है। जौनपुर जिले में पुलिस की इस सफल कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग है।
इस मुठभेड़ ने यह भी सिद्ध कर दिया कि पुलिस किसी भी अपराधी को छोड़ने के मूड में नहीं है, चाहे वह कितना भी कुख्यात क्यों न हो। उत्तर प्रदेश पुलिस की यह कार्रवाई अन्य पुलिस थानों के लिए एक उदाहरण बन सकती है। इसके जरिए पुलिस ने यह संदेश दिया कि कोई भी अपराधी चाहे जितना भी चतुर क्यों न हो, वह पुलिस के शिकंजे से बच नहीं सकता।
कानून और व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विचार करना शुरू कर दिया है। कुछ स्थानीय लोग भी इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस तरह की मुठभेड़ों के माध्यम से अपराधियों के मनोबल को तोड़ा जा रहा है और यह अपराध नियंत्रण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
मुठभेड़ के बाद एडिशनल एसपी सिटी अरविंद कुमार वर्मा ने इस पूरी घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “खेतासराय के उसरबस्ती नहर पुल पर हुई मुठभेड़ में आरोपी गो-तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस की जवाबी फायरिंग में गो-तस्कर के पैर में गोली लगी है। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चालान न्यायालय भेज दिया गया है।”
गो-तस्करी के खिलाफ पुलिस की सख्ती
जौनपुर जिले में बढ़ती गो-तस्करी की घटनाओं पर पुलिस की नज़र बनी हुई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में ऐसे अपराधों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, गो-तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है ताकि इस अवैध व्यापार को जड़ से उखाड़ा जा सके। इस दिशा में पुलिस ने कई और संदिग्धों की पहचान की है और उनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है।
समग्र दृष्टिकोण
इस मुठभेड़ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जौनपुर जैसे जिलों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को सतर्क रहना पड़ेगा। पुलिस प्रशासन की यह सक्रियता न केवल अपराधों की संख्या को नियंत्रित करेगी, बल्कि आम जनता में विश्वास भी बढ़ाएगी। गो-तस्करी जैसे संगीन अपराधों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
इसी प्रकार की कार्रवाइयों से अपराधियों में डर पैदा होगा और कानून-व्यवस्था में सुधार होगा।
इस मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि पुलिस अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभा रही है, और यह देशभर में पुलिस प्रशासन की तत्परता और समर्पण की एक मिसाल बन सकता है।