Bareilly में फर्जी दरोगा का आतंक: महिला को बंधक बना किया लूट का शिकार

किवदंती से लेकर सच्चाई तक, बरेली की एक और दास्तान जिसने Bareilly शहर में खलबली मचा दी है। एक युवक ने न केवल खुद को दरोगा बताकर महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की, बल्कि उसके पास गई एक महिला को बंधक बना कर नकदी और जेवरात भी लूट लिए। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में इस तरह के अपराधों का बढ़ता चलन कितना चिंताजनक है।

घटना का विस्तृत विवरण

यह घटना Bareilly के सुभाषनगर थाना क्षेत्र की है, जहाँ एक महिला की मुलाकात 28 अगस्त को बदायूं जिले के कुंवरगांव निवासी शेखर शर्मा उर्फ गोलू से हुई। शेखर ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और खुद को पुलिस का दरोगा बताकर महिलाओं को अपनी बातों में फंसाने में माहिर था।

महिला का कहना है कि शेखर ने उसे नौकरी लगवाने का झांसा देकर पराग मिल्क फैक्टरी के पास स्थित एक अपार्टमेंट में बुलाया। वहां, उसने उसे बंधक बना लिया और उससे सोने-चांदी के जेवर और 85 हजार रुपये की नकदी लूट ली। इतना ही नहीं, उसने महिला के डेबिट कार्ड का पिन भी जबरदस्ती पूछा। जब महिला ने विरोध किया, तो उसने दुपट्टे से उसका गला कसने की कोशिश की।

महिला बेहोश हो गई, और तब शेखर मौके से फरार हो गया। जब महिला होश में आई, तो उसने तुरंत सुभाषनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की जांच में पुलिस जुट गई है, और शेखर की तलाश जारी है।

पुलिस की कार्यवाही

सुभाषनगर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया है। पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए हैं कि इस फर्जी दरोगा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द शेखर को पकड़ा जाए, ताकि वो और किसी महिला के साथ ऐसा कृत्य न कर सके।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुझाव

इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिलाएं अक्सर इस प्रकार के फर्जी व्यक्तियों के जाल में फंस जाती हैं। इसलिए, निम्नलिखित सुझाव महिलाओं को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं:

  1. पुलिस पहचान: किसी भी व्यक्ति को, जो पुलिस की वर्दी में हो, उसके पहचान पत्र की जांच करें।
  2. विश्वसनीयता: किसी भी तरह की नौकरी या व्यवसायिक प्रस्ताव के लिए हमेशा विश्वसनीय स्रोत से जांच करें।
  3. संकेतों पर ध्यान दें: अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध लग रहा हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
  4. सुरक्षा समूह: अपने इलाके में एक सुरक्षा समूह बनाएं, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे की मदद कर सकें।

समाज में बढ़ते अपराधों का प्रभाव

बरेली जैसे शहरों में इस तरह की घटनाएं समाज में एक नकारात्मक छवि बनाती हैं। लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा होता है। यह स्थिति न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।

सामाजिक संगठनों को भी इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्हें चाहिए कि वे जागरूकता कार्यक्रम चलाएं और महिलाओं को उनकी सुरक्षा के लिए सशक्त बनाएं।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में इस प्रकार के फर्जी व्यक्तियों का खौफ बढ़ता जा रहा है। महिलाओं को न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने आसपास के वातावरण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। बरेली पुलिस को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करे, ताकि समाज में सुरक्षा का माहौल कायम हो सके।

समाज को जागरूक करना और एकजुट होना अत्यंत आवश्यक है। केवल इसी तरह हम इस प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण पा सकेंगे।

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