उत्तर प्रदेश के Amroha जिले में घटित हुई एक दर्दनाक घटना ने समाज में तंत्र-मंत्र और तांत्रिकों के बढ़ते प्रकोप को एक बार फिर से उजागर कर दिया है। यह घटना सिर्फ एक युवती के साथ हुए अत्याचार की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में व्याप्त उन कुरीतियों की ओर भी इशारा करती है, जो हमारे सामाजिक ढांचे को कमजोर कर रही हैं।
घटना का विवरण
जनपद संभल के थाना हयात नगर क्षेत्र की 19 वर्षीय युवती पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार चल रही थी। परिजनों की चिंता बढ़ने लगी और वे किसी उपाय की तलाश में थे। इस दौरान युवती के परिचित सुनील ने उसे एक तांत्रिक से मिलाने का सुझाव दिया। सुनील ने तांत्रिक पुष्पेंद्र से उपचार कराने की सलाह दी, जो आदमपुर में रहता था। युवती, अपनी बीमारी से निजात पाने की आस में, सुनील के साथ उस तांत्रिक के पास गई।
तांत्रिक का अत्याचार और युवती की पीड़ा
तांत्रिक पुष्पेंद्र ने तंत्र क्रिया के नाम पर युवती को एकांत में ले जाकर उसे नशीला पदार्थ खिला दिया। बेहोशी की हालत में तांत्रिक ने युवती का अश्लील वीडियो बना लिया और उसे वायरल करने की धमकी देकर बार-बार दुष्कर्म किया। तांत्रिक ने सिर्फ यहीं तक नहीं रुका, बल्कि तंत्र क्रिया के नाम पर युवती से एक लाख रुपये भी ऐंठ लिए। इस पूरे प्रकरण में तांत्रिक ने अपने पिता खेमपाल, और सहयोगी मुकुल व राजकुमार की मदद से युवती पर सुनील से शादी करने का भी दबाव बनाया।
समाज में तांत्रिकों के बढ़ते अत्याचार
यह घटना अकेली नहीं है। हाल के वर्षों में तांत्रिकों द्वारा किए गए अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इन तथाकथित ‘तांत्रिकों’ का दावा होता है कि वे अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के माध्यम से किसी भी बीमारी या समस्या का समाधान कर सकते हैं। समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इन पर विश्वास करते हैं और इनके जाल में फंस जाते हैं। इन तांत्रिकों का असली उद्देश्य लोगों को ठगना, उनकी भावनाओं का शोषण करना और उन्हें भयभीत करके उनसे धन उगाही करना होता है।
तांत्रिकों के अपराध: एक कड़ी नजर
तांत्रिकों द्वारा किए गए अपराधों की सूची लंबी है। इनमें महिलाओं के साथ दुष्कर्म, हत्या, धन उगाही, और मानसिक शोषण जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। ये अपराध न केवल पीड़ित व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर देते हैं, बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी गहरा असर डालते हैं। इन घटनाओं से समाज में भय का माहौल पैदा हो जाता है और अंधविश्वास की जड़ें और गहरी हो जाती हैं।
कानून का अभाव और न्याय की मांग
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून का कड़ा होना अत्यंत आवश्यक है। हालांकि भारतीय दंड संहिता के तहत तांत्रिकों के अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है, लेकिन इन अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष कानूनों की आवश्यकता है। आज के समय में जहां विज्ञान और तकनीकी विकास के साथ-साथ शिक्षा का भी विस्तार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर समाज में तांत्रिकों और अंधविश्वासियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
सामाजिक प्रभाव और जागरूकता की आवश्यकता
समाज में फैले अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रभाव को समाप्त करने के लिए जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। लोगों को यह समझाना होगा कि तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के जाल में फंसना उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। सरकार, सामाजिक संगठनों और मीडिया को मिलकर लोगों को शिक्षित करने के प्रयास करने चाहिए। इसके साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस तरह के अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और पुलिस तथा न्यायपालिका को ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।
Amroha में घटी इस घटना ने समाज में तंत्र-मंत्र और तांत्रिकों के बढ़ते प्रकोप पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सिर्फ एक युवती की पीड़ा की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में फैले उन अंधविश्वासों की भी कहानी है, जो आज भी हमारी सामाजिक प्रगति में बाधा बन रहे हैं। समय आ गया है कि हम इस समस्या को गंभीरता से लें और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।