Aligarh जिले में डेंगू के मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 12 नवंबर को जिले में डेंगू के सात नए मरीज सामने आए हैं, जिनमें एक 9 वर्षीय बच्ची भी शामिल है। यह सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गई है। अब तक जिले में डेंगू के 183 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं और स्थिति में सुधार की कोई खास संभावना नजर नहीं आ रही।
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी, प्रशासन की सक्रियता पर सवाल
जिले के विभिन्न हिस्सों में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. नीरज त्यागी के मुताबिक, शहर में चार नए डेंगू के मरीज मिले हैं। इन मरीजों में से दो मरीज जीवनगढ़ से, और एक-एक मरीज मौलाना आजाद नगर और बेगम बाग से हैं। इसके अलावा, अतरौली और गंगीरी क्षेत्र में भी तीन नए मरीज सामने आए हैं, जिनमें चार महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।
स्थानीय अस्पतालों की स्थिति भी चिंताजनक है। मलखान सिंह जिला अस्पताल की ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) में रोजाना करीब 1700 से 1900 मरीज आते हैं। इनमें से अधिकांश सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य समस्याओं से पीड़ित हैं, लेकिन डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। इसी तरह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में भी 1500 से 1600 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से 500-600 मरीज सिर्फ सर्दी-जुकाम से ग्रसित हैं। इस स्थिति से स्वास्थ्य विभाग में चिंता का माहौल बना हुआ है।
मलेरिया अधिकारी की टीम ने शुरू की लार्वा नाशक कार्रवाई
अलीगढ़ जिले में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ के नेतृत्व में सीएचसी (केंद्रीय स्वास्थ्य केंद्र) खैर के क्षेत्रों में लार्वा नाशक कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के तहत जरारा, अतरौली, छर्रा, वाजिदपुर, और जवां जैसे क्षेत्रों में घर-घर जाकर मच्छर मारने के रसायन का छिड़काव किया गया है। मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है ताकि डेंगू के फैलाव को रोका जा सके।
इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने की भी पहल की है। सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने लोगों से अपील की है कि वे घरों के आसपास जलभराव न होने दें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। साथ ही, डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें और इलाज करवाएं। इसके अलावा, स्वास्थ्य टीम ने जिले भर में स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन भी किया है, जहां डेंगू के मरीजों को मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा दी जा रही है।
डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
डेंगू का वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है, और इसके लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, उलटी, और त्वचा पर रैशेज़ जैसे होते हैं। अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को ऐसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।
बचाव के उपायों में सबसे महत्वपूर्ण है मच्छरों से बचाव करना। घर में जलभराव को रोकने के लिए सभी जगहों को साफ रखें, जैसे पुराने बर्तन, टायर, या कूलर जिनमें पानी जमा हो सकता है। साथ ही, मच्छरदानी का उपयोग करें और सोते समय मच्छर से बचने के लिए कीटनाशक रसायन का छिड़काव करें।
सरकारी और निजी अस्पतालों की तैयारी और इंतजाम
अलीगढ़ में डेंगू के मामलों के बढ़ने के साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों में भी तैयारी तेज कर दी गई है। मलखान सिंह जिला अस्पताल और पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। इन अस्पतालों में डेंगू से संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनवाए गए हैं, ताकि अन्य मरीजों में संक्रमण न फैल सके।
इसके अलावा, डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है जो डेंगू के मरीजों का इलाज कर रही है। जिले के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जा रहे हैं, जहां मरीजों को मुफ्त इलाज और जांच की सुविधा मिल रही है। प्रशासन ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि अगर डेंगू के मामलों में और बढ़ोतरी हुई, तो कड़ी कारवाई की जाएगी।
संक्रमण फैलने का खतरा: क्या करें आम लोग?
डेंगू का संक्रमण मच्छरों के माध्यम से फैलता है, जो आमतौर पर साफ पानी में रहते हैं। इस कारण से ग्रामीण और शहरी इलाकों में जलभराव और गंदगी का विशेष ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद जलभराव की स्थिति में मच्छर तेजी से पनपते हैं, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए, लोगों को चाहिए कि वे अपने घरों के आस-पास पानी जमा न होने दें। पानी की टंकियों, पुराने टायर, गमलों में पानी की जांच करते रहें और कहीं भी पानी भरने से बचें। इसके साथ ही, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर भगाने वाले रसायनों का प्रयोग करें।
निवेदन और अपील
अलीगढ़ जिले के लोगों से एक बार फिर अपील की जा रही है कि वे इस संकट के समय में जागरूक रहें और डेंगू के फैलाव को रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करें। सिर्फ सरकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों की कोशिशों से ही इस समस्या पर काबू पाना संभव नहीं है, इसके लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
अलीगढ़ जिले में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय है। प्रशासन और जनता का सहयोग इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आवश्यक है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में डेंगू के मामलों में कितनी कमी आती है, या फिर यह और बढ़ता है। अगर सभी लोग जागरूक होते हैं और बरती गई सावधानियों का पालन करते हैं, तो इस संकट से निपटा जा सकता है।