Aligarh में थाना रोरावर क्षेत्र के आसिफ बाग इलाके में एक दर्दनाक घटना ने इलाके को झकझोर कर रख दिया है। 18 अक्टूबर की देर रात, एक पति ने अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस वारदात के बाद आरोपी पति ने खुद पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर अपनी पत्नी की हत्या की जानकारी दी। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी पति को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
विवाह और विवाद की पृष्ठभूमि
मृतका राबिया (45) हाथरस जिले के नगला भीका की निवासी थीं। करीब 16 साल पहले उनका निकाह अलीगढ़ के आसिफ बाग इलाके के रहने वाले इरफान से हुआ था। इरफान कबाड़ का काम करता है और दंपती के तीन बच्चे हैं। परिजनों के अनुसार, राबिया के नाम पर 50-50 वर्ग गज के दो प्लॉट थे, जो उनके पति के लिए विवाद का कारण बन गए थे। इरफान प्लॉट बेचने का दबाव बना रहा था, लेकिन राबिया इसके खिलाफ थीं।
इस बात को लेकर दंपती के बीच आए दिन बहस और विवाद होते रहते थे। 18 अक्टूबर की रात भी इसी मुद्दे पर दोनों के बीच फिर से बहस छिड़ी, जो इस बार जानलेवा साबित हुई।
हत्या की वारदात
शुक्रवार रात, इरफान ने पहले अपने तीनों बच्चों को पड़ोस में रहने वाले अपने भाई के घर भेज दिया ताकि वे विवाद से दूर रहें। इसके बाद रात के समय प्लॉट को लेकर दोनों के बीच एक बार फिर झगड़ा हुआ। इस बार इरफान ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी राबिया का दुपट्टे से गला घोंट दिया और मौके पर ही उसकी जान ले ली।
हत्या के बाद, इरफान ने खुद को पुलिस के हवाले करने का फैसला किया। उसने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बताया, “मैंने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है।” यह सुनकर पुलिस में खलबली मच गई। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और आरोपी इरफान को हिरासत में ले लिया।
मायके पक्ष का आरोप और पुलिस की कार्रवाई
राबिया की हत्या की सूचना मिलते ही उसके मायके पक्ष के लोग हाथरस से अलीगढ़ पहुंच गए। मायके वालों ने आरोप लगाया कि राबिया की हत्या में सिर्फ इरफान ही नहीं, बल्कि तीन अन्य लोग भी शामिल थे। हालांकि, पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद केवल इरफान को ही हत्या का आरोपी माना है।
राबिया के भाई ने पुलिस में तहरीर दी, जिसमें सिर्फ इरफान को आरोपी बनाया गया। पुलिस ने इस तहरीर के आधार पर इरफान के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसके बाद राबिया का मायका पक्ष उसका शव हाथरस लेकर चला गया।
मामले पर पुलिस का बयान
अलीगढ़ के एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने मामले पर जानकारी देते हुए कहा, “प्लॉट को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था, जिसके चलते पति ने अपनी पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। मायके पक्ष की तहरीर के आधार पर इरफान के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।” पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या हत्या में अन्य लोग भी शामिल थे या नहीं।
विवाह संबंधों में संपत्ति विवाद: एक दुखद हकीकत
यह घटना सिर्फ अलीगढ़ की ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बढ़ते संपत्ति विवादों और पारिवारिक कलह की एक दर्दनाक मिसाल है। संपत्ति, खासकर जमीन और प्लॉट जैसे मुद्दों को लेकर होने वाले विवाद अक्सर हिंसा का रूप ले लेते हैं। इस मामले में भी पति-पत्नी के बीच संपत्ति का विवाद इस हद तक बढ़ गया कि वह एक खूनखराबे में बदल गया।
अलीगढ़ की यह घटना यह दिखाती है कि कैसे संपत्ति विवाद पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डाल सकते हैं और उन्हें हिंसा की ओर धकेल सकते हैं। इस घटना से एक बार फिर यह साफ होता है कि परिवारों को ऐसे विवादों को हल करने के लिए कानूनी और आपसी समझ का सहारा लेना चाहिए, ताकि रिश्तों को बचाया जा सके और हिंसा से बचा जा सके।
संपत्ति विवादों में महिलाओं की असुरक्षा
यह मामला यह भी उजागर करता है कि महिलाओं को संपत्ति के मामलों में कितनी असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। राबिया के नाम पर जो प्लॉट थे, वही उसकी मौत का कारण बने। ऐसी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कई बार महिलाएं अपनी संपत्ति के अधिकार को लेकर पारिवारिक और सामाजिक दबाव का सामना करती हैं।
हालांकि कानून महिलाओं को संपत्ति पर बराबरी का हक देता है, लेकिन जब यह अधिकार जमीन पर लागू होता है, तो कई बार उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है। इस घटना में राबिया ने अपने पति के दबाव के बावजूद प्लॉट बेचने से इनकार किया था, लेकिन इस विरोध का नतीजा उसकी जान लेकर खत्म हुआ।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस मामले में भी, जैसे अन्य कई मामलों में देखा गया है, पुलिस की शुरुआती निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मायके पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने उनकी तहरीर में बदलाव कराकर सिर्फ इरफान को आरोपी बनाया, जबकि उनकी शिकायत में तीन अन्य लोगों का भी नाम शामिल था।
हालांकि पुलिस ने आरोपी इरफान को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच जारी है, लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या इस मामले में पुलिस ने निष्पक्षता से कार्रवाई की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही इस पर पूरी तरह से रोशनी डाली जा सकेगी।
न्याय की उम्मीद
अब राबिया के परिवार की उम्मीदें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस निष्पक्षता से जांच करे और यदि अन्य लोग भी इस हत्या में शामिल हैं, तो उन्हें भी सजा मिले। अलीगढ़ की इस घटना ने एक बार फिर समाज में संपत्ति विवादों और पारिवारिक हिंसा के खतरों को उजागर किया है। अब यह देखना बाकी है कि क्या इस मामले में न्याय हो पाएगा और क्या पुलिस जांच सही दिशा में आगे बढ़ेगी।