लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) को लेकर यूपी में हुए बहुजन समाज पार्टी (BSP)और समाजवादी पार्टी (SP) के गठबंधन पर कांग्रेस (Congress)ने कहा कि ये दोनों पार्टियां भाजपा (BJP)के जाल में फंस गई हैं. गठबंधन से खुद को अलग रखे जाने की संदर्भ में कांग्रेस ने कहा कि इन्होंने वही किया जो भाजपा चाहती थी. कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि भाजपा चाहती थी कि उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट नहीं हों ताकि वोटों का बंटवारा होने का फायदा उसे मिले तथा वह अपने इस प्रयास में सफल रही. बता दें, अखिलेश यादव और मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए हालही गठबंधन का ऐलान किया था.
कांग्रेस प्रवक्ता सिंह ने कहा, ‘सपा-बसपा ने कांग्रेस को अलग रखकर वही किया जो भाजपा चाहती थी. ऐसा लगता है कि ये दोनों पार्टियां भाजपा के जाल में फंस गई.’ उन्होंने कहा कि हर जगह यही प्रयास हो रहा है कि भाजपा विरोधी दल एकजुट हों और यह सुनिश्चित किया जाए कि वोटों का बंटवारा नहीं हो तथा उत्तर प्रदेश में भी यही होना चाहिए था. गौरतलब है कि सपा और बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन से कांग्रेस को अलग रखा है, हालांकि दोनों ने रायबरेली और अमेठी की सीटें उसके लिए छोड़ दी हैं. सपा और बसपा ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 38-38 पर चुनाव लड़ेने का फैसला किया है. इसके अलावा उन्होंने दो सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ दी हैं.
सपा-बसपा के गठबंधन के बाद कांग्रेस ने यूपी में सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया. हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि वह उन सभी दलों का सम्मान और स्वागत करती है जो भाजपा को हराने के लिए उनके साथ आना चाहते हैं.
बता दें, बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को अपने जन्मदिन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से भाजपा और अन्य पार्टियों की नींद उड़ गई है. यूपी ही तय करता है कि देश में किसकी सरकार बनेगी. इस गठबंधन को जनहित में कामयाब बनाने के लिए बसपा और सपा के लोगों से अपील करती हूं कि आप अपने पुराने गिले-शिकवे किनारे करके अपने इस गठबंधन के सभी उम्मीदवारों को ऐतिहासिक जीत दिलाएं. यह मेरे जन्मदिन के लिए बड़ा तोहफा भी होगा.
साथ ही मायावती ने कहा, ‘देश की आजादी के बाद बीजेपी और कांग्रेस की सरकार के राज में जमकर भ्रष्टाचार हुआ. किसान, गरीब, दलित व अन्य पिछड़े वर्ग का सही से विकास नहीं हुआ, जिससे दुखी होकर ही हमें इनके हितों के लिए पार्टी बनानी पड़ी थी. आज देश में किसान, दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग सबसे ज्यादा दुखी है. इसकी एक वजह केंद्र सरकार है. यही वजह है कि अब आम जनता बीजेपी को सत्ता से हटाने का मन बना चुकी है. इसकी एक बानगी एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में देखने को मिली. बीजेपी को समझ लेना चाहिए कि झूठे वादे और जुमलेबाजी से किसान व दलित विरोधी सरकार की दाल ज्यादा दिन तक गलने वाली नहीं है.
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