मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश – जब बात होती है उद्योगों की, तो बदलाव और विकास एक निरंतर प्रक्रिया होती है। हाल ही में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के IIA Muzaffarnagar चैप्टर ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित कीं। इन बैठकों में ना सिर्फ मौजूदा औद्योगिक स्थिति पर गहन चर्चा की गई, बल्कि भविष्य में उद्योग जगत के विकास के लिए जरूरी कदमों पर भी विचार किया गया। आईआईए की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल की मौजूदगी में यह बैठकें न केवल उद्योगपतियों के लिए प्रेरणादायक रही, बल्कि एक नई दिशा की ओर भी संकेत देती हैं।
पहली बैठक होटल सॉलिटेयर इन में आयोजित की गई, जिसमें आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल ने चौप्टर के पदाधिकारियों के साथ मिलकर संगठन के भविष्य और कार्यसंस्कृति पर गहरी चर्चा की। इस बैठक में उद्योग जगत में बदलाव के लिए क्या सुधार जरूरी हैं, इसकी विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। चर्चा के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि संगठन अपने कार्यों को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा।
इसके बाद, शाम को होटल स्वर्ण इन सुइट्स में एक साधारण सभा का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के उद्यमीगण सम्मिलित हुए। इस सभा में प्रमुख अतिथि के रूप में आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल उपस्थित रहे। साथ ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव अरोरा और सहारनपुर डिवीजन के चेयरमैन श्री राजेश सपरा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उद्यमियों के बीच एक सकारात्मक और उन्नतिशील संवाद हुआ, जिससे संगठन की आगामी रणनीतियों पर स्पष्टता आई।
बैठक का आरंभ आईआईए के चौप्टर चेयरमैन पवन कुमार गोयल ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ अर्पित कर किया। पवन कुमार गोयल ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि पिछले नौ महीनों में इस चैप्टर ने 60 से अधिक बैठकें आयोजित की हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि आईआईए मुजफ्फरनगर चैप्टर अपने उद्देश्यों को लेकर कितने सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 85 बैठकें आयोजित की गई थीं, जो चैप्टर की निरंतर गतिविधियों का प्रतीक हैं।
सरकारी विभागों से सकारात्मक संवाद
चैप्टर की ओर से लगातार सकारात्मक संवाद सरकारी विभागों से जारी है। प्रमुख मुद्दों पर जैसे प्रदूषण नियंत्रण, विद्युत विभाग, श्रम विभाग, जिला पंचायत, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और कराधान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर संगठन के पदाधिकारी सरकार के साथ चर्चा करते आ रहे हैं। यह बातचीत सरकार और उद्योग जगत के बीच सेतु का काम कर रही है।
आईआईए की सचिव अमित जैन और संयुंक्त सचिव अमन गुप्ता ने इस सभा में नए नियमों की पुस्तिका के महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा किया। यह नियम संगठन की मर्यादा और निष्पक्षता को बनाए रखते हुए प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। इन नियमों में विशेष रूप से राजनीतिक निष्पक्षता, सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यापार की पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। यह कदम संगठन को और मजबूत और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एमएसएमई क्षेत्र में डिजिटलीकरण की दिशा में कदम
सहारनपुर डिवीजन के चेयरमैन श्री राजेश सपरा ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योग) क्षेत्र में डिजिटलीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एमएसएमई ग्रीन कार्ड जैसी पहल का उल्लेख किया, जो इस क्षेत्र में एक नया बदलाव लेकर आई है। इसके अलावा, आईआईए की मासिक पत्रिका में प्रकाशित “उद्योग रत्न” पृष्ठ पर देशभर के प्रेरणादायक उद्यमियों की कहानियाँ प्रकाशित की जाती हैं, जो अन्य उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।
पॉलिसी रिफॉर्म्स और वर्चुअल मीटिंग्स की सफलता
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव अरोरा ने आईआईए के “प्राइम” (पॉलिसी रिफॉर्म एंड इंटीग्रेशन फॉर एमएसएमई) प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत फैसिलिटेशन सेंटर और वर्चुअल मीटिंग्स जैसी पहलों ने एमएसएमई क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है। इन पहलों के परिणामस्वरूप, उद्योगों को नई नीतियों के बारे में जानने और उन्हें अपनाने में मदद मिल रही है, जिससे उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है।
नेशनल प्रेजीडेंट की प्रेरणादायक बातों ने छोड़ी गहरी छाप
मुख्य अतिथि के रूप में आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल ने अपने प्रेरणादायक भाषण में संगठन की भूमिका को परिभाषित करते हुए कहा कि आईआईए एक परिवार के रूप में काम करता है, जहाँ एकजुटता, अनुशासन और समर्पण ही संगठन की असली ताकत है। उन्होंने इसे “दूध” और “पानी” की उपमा दी और कहा कि जब सदस्य संगठन में ईमानदारी से जुड़ते हैं, तो उनका योगदान और भी प्रभावी बन जाता है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि भारत में उद्योग स्थापित करने के लिए 1563 अनुमतियाँ आवश्यक हैं, जिससे सरकार और उद्यमियों के बीच एक सेतु के रूप में आईआईए का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। इस प्रकार, आईआईए सरकार और उद्योग जगत के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करता है।
समारोह में हुए कई सम्मान और पुरस्कार
समारोह के अंत में, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कुछ प्रमुख उद्यमियों और पदाधिकारियों को उनके योगदान के लिए “अप्रीशिएशन अवार्ड” से सम्मानित किया। इस सम्मान में अमित जैन, राहुल मित्तल, अमन गुप्ता, अनुज स्वरुप बंसल, राज शाह जैसे उद्यमियों के नाम शामिल थे, जिन्होंने आईआईए की गतिविधियों और प्रयासों को ऊंचाई पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उद्यमियों की बड़ी संख्या में भागीदारी
इस बैठक में पूर्व चेयरमैन अशोक अग्रवाल, मनोज अरोरा, विपुल भटनागर, कुश पुरी जैसे प्रमुख उद्यमी भी शामिल हुए। इसके अलावा, वाइस चेयरमैन अमित गर्ग, मनीष भाटिया, ज्वाइंट सेक्रेटरी अमन गुप्ता, और कई अन्य प्रमुख उद्यमी भी इस अवसर पर मौजूद रहे। यह कार्यक्रम एक बेहतरीन उदाहरण बना कि कैसे एकजुट होकर उद्योग जगत के विकास की दिशा में कार्य किया जा सकता है।
आईआईए मुजफ्फरनगर चैप्टर की यह बैठक उद्योग जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके माध्यम से जहां एक ओर संगठन की कार्यसंस्कृति और उद्देश्य में सुधार की दिशा सामने आई, वहीं दूसरी ओर उद्यमियों के बीच सकारात्मक संवाद और विकास की दिशा पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। आने वाले समय में ऐसे और भी कदम उठाए जाएंगे जो न केवल मुजफ्फरनगर, बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश के उद्योगों के लिए लाभकारी साबित होंगे।