Muzaffarnagar उत्तर प्रदेश – अपराध की दुनिया में सनसनीखेज वारदातों के बीच एक और मामला सामने आया है जिसने जिले को हिला कर रख दिया है। थाना कोतवाली नगर पुलिस टीम ने वाहन चोरी के मामलों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई में दो कुख्यात वाहन चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चार लग्जरी गाड़ियाँ और भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए हैं।
इस जबरदस्त कार्रवाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और पुलिस उपमहानिरीक्षक के निर्देशन में, तथा नगर क्षेत्राधिकारी और सहायक पुलिस अधीक्षक/थाना प्रभारी राजेश घुनावत के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई जिले में चल रहे अपराध विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मुखबिर की सूचना से हुई बड़ी गिरफ्तारी
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति रोहाना टोल प्लाज़ा के पास वाहन के साथ मौजूद हैं। जैसे ही पुलिस टीम को यह सूचना मिली, उन्होंने बिना देरी किए इलाके को घेर लिया और कच्ची कॉलोनी के पास दबिश दी। वहां से दो शातिर चोर—आरिफ पुत्र जमशेद निवासी मोहल्ला मक्की नगर थाना खालापार और मोहसीन पुत्र इकबाल निवासी मोहल्ला नई आबादी, कूंजड़ों वाली मस्जिद के पास थाना खालापार को गिरफ्तार कर लिया गया।
बरामद की गई चार गाड़ियां और असलहा
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरिफ और मोहसीन के कब्जे से निम्न वाहन बरामद किए:
एक अल्टो (Slate Grey)
एक बैगनार (Silver)
एक अल्टो (Red)
एक ईको (White)
इसके अलावा, दो अवैध तमंचे—एक .315 बोर और एक 12 बोर—साथ ही कुल चार जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। यह स्पष्ट करता है कि आरोपी सिर्फ वाहन चोर नहीं थे, बल्कि अवैध हथियारों के सौदागर भी हो सकते हैं।
अतीत में भी रहा है आपराधिक इतिहास?
सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार आरोपी आरिफ और मोहसीन का आपराधिक इतिहास रहा है। दोनों कई वर्षों से वाहन चोरी की घटनाओं में लिप्त थे और पुलिस के रडार पर थे। आरोपियों के खिलाफ कई जिलों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और वे लंबे समय से फरार चल रहे थे।
आखिर कैसे करते थे वारदातें?
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह रात के अंधेरे में सुनसान इलाकों में खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाता था। वे पहले नंबर प्लेट बदलते, फिर गाड़ी को किसी दूरस्थ इलाके में ले जाकर उसका इंजन नंबर और चेसिस नंबर तक बदलवा देते थे। इसके बाद गाड़ी को फर्जी कागजों के साथ बेच दिया जाता था। इस पूरे रैकेट में कई और लोग भी शामिल होने की संभावना है, जिनकी तलाश में पुलिस जुट चुकी है।
गिरफ्तारी में शामिल रही ये पुलिस टीम
इस बेहतरीन और जोखिम भरी कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में निम्न अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल रहे:
सहायक पुलिस अधीक्षक/थाना प्रभारी राजेश घुनावत
वरिष्ठ उप निरीक्षक नरेन्द्र सिंह
उप निरीक्षक मोहित कुमार, नितिन कुमार
हेड कांस्टेबल गौरव चौधरी, अमित कुमार
कांस्टेबल रोहित, राजू सिंह, रोहित तेवतिया, संदीप कुमार, मनेन्द्र सिंह, सैनी कुमार, गगन कुमार, रवि कुमार
इन सभी की सतर्कता और चुस्ती से यह गिरफ्तारी संभव हो पाई।
पुलिस की अपील और जनता को चेतावनी
मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस बड़ी कामयाबी के बाद जनता से अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही वाहन मालिकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी गाड़ियों में GPS ट्रैकर लगवाएं और हमेशा पार्किंग के सुरक्षित स्थान का ही उपयोग करें।
क्राइम की दुनिया में सक्रिय गिरोहों पर नजर: और भी नाम आ सकते हैं सामने!
इस गिरफ्तारी से पुलिस को यह भी संकेत मिला है कि मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में कई अन्य ऐसे गिरोह सक्रिय हो सकते हैं जो वाहन चोरी और हथियारों की तस्करी जैसे अपराधों में संलिप्त हैं। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस अब अन्य सदस्यों की भी पहचान कर रही है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।
क्या कहती है पुलिस?
थाना प्रभारी राजेश घुनावत ने मीडिया से बातचीत में बताया,
“यह गिरफ्तारी हमारी टीम के अथक प्रयासों का परिणाम है। हमने न केवल वाहन चोरों को पकड़ा है बल्कि अवैध असलहे भी बरामद किए हैं जो किसी बड़ी वारदात में इस्तेमाल हो सकते थे। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।”
जिले में अपराध पर लगाम कसने की दिशा में बड़ा कदम
इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मुजफ्फरनगर पुलिस अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है। पुलिस लगातार तकनीक और सूचना तंत्र का उपयोग करते हुए अपराध पर नियंत्रण पाने की दिशा में प्रयासरत है।
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