गोरखपुर/गाजियाबाद: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर देश में एक बार फिर बड़ा साइबर फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार शिकार बने हैं देश के पूर्व संयुक्त आयकर आयुक्त संत प्रकाश, जिन्होंने Bitcoin में निवेश के झांसे में आकर 47.86 लाख रुपये गंवा दिए। यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, लेकिन ठगी के तार इंग्लैंड से जुड़ते हैं।
कैसे फंसे पूर्व आयकर अधिकारी इस जाल में?
सेवानिवृत्त अधिकारी संत प्रकाश फिलहाल गाजियाबाद के गैस गोदाम लेन, गोला विस्ता कॉलोनी में रहते हैं, जबकि उनका मूल निवास शाहपुर के बशारतपुर में है।
7 नवंबर 2024 को, एक आम दिन की तरह, उन्होंने फेसबुक स्क्रॉल करते हुए एक क्रिप्टो इनवेस्टमेंट विज्ञापन देखा। उसमें बताया गया था कि ₹10,000 निवेश करके लाखों कमाने का मौका है।
संत प्रकाश जैसे अनुभवी अफसर ने सोचा कि थोड़ा रिस्क तो लिया ही जा सकता है। उन्होंने फॉर्म भर दिया और यहीं से उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल शुरू हो गई।
इंग्लैंड से आई कॉल्स ने दिया “सपनों का झांसा”
फॉर्म भरते ही, कुछ ही घंटों के अंदर उन्हें एक के बाद एक कॉल्स आने लगे – वो भी इंग्लैंड के नंबरों से।
फोन करने वाला खुद को यूके की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी का प्रतिनिधि बता रहा था। बातों का अंदाज इतना प्रोफेशनल था कि शक करने की कोई गुंजाइश ही नहीं रही।
उन्हें एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा गया – ऐप की डिजाइनिंग इतनी हाई-फाई थी कि पहली नजर में यह एक रजिस्टर्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसा लगा।
इसके बाद उन्हें जूम मीटिंग्स के जरिए भी जोड़ा गया, जहां अंग्रेज़ी बोलते कुछ “विशेषज्ञ” उन्हें इन्वेस्टमेंट के फायदे समझाते रहे।
सिर्फ 3 महीने में 26 बार में गए ₹47.86 लाख!
16 नवंबर 2024 से 5 फरवरी 2025 तक संत प्रकाश ने कुल 26 ट्रांजैक्शन किए। उन्होंने अलग-अलग बैंक खातों से कुल ₹47,86,000 कंपनी को ट्रांसफर कर दिए।
शुरुआत में उन्हें फर्जी मुनाफा दिखाया गया, ताकि भरोसा बना रहे। ऐप पर उनके इन्वेस्टमेंट का ग्राफ ऊपर जा रहा था, और एक बार तो उनकी कथित कमाई ₹1.2 करोड़ तक दिखाई गई। पर जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो सिस्टम में एरर, KYC अपडेशन, रेगुलेटरी टैक्स जैसे बहाने आने लगे।
धीरे-धीरे सभी कॉल्स बंद हो गईं। ऐप लॉगिन नहीं हो रहा था। जो “कंपनी प्रतिनिधि” घंटों वीडियो कॉल पर गाइड करते थे, अब उनका कोई अता-पता नहीं था।
शिकायत दर्ज, साइबर सेल एक्टिव
ठगी के बाद संत प्रकाश ने शाहपुर थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मामला साइबर थाना को ट्रांसफर किया।
वर्तमान में निरीक्षक सुभाष चंद्र को जांच सौंपी गई है।
पुलिस का मानना है कि यह अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग का काम हो सकता है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। इंग्लैंड के फोन नंबर व ऐप के सर्वर की टेक्निकल जांच शुरू हो चुकी है।
कैसे होते हैं ऐसे फ्रॉड – एक नजर
सोशल मीडिया पर विज्ञापन:
फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर “लाखों कमाओ घर बैठे” जैसे लुभावने विज्ञापन।विदेशी कॉल्स का जाल:
इंटरनेशनल नंबरों से कॉल करके व्यक्ति को भरोसे में लेना।फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स:
ऐसे प्लेटफॉर्म जो असली ट्रेडिंग ऐप की तरह दिखते हैं।प्रारंभिक लाभ का लालच:
पहले छोटे मुनाफे दिखाकर ज्यादा इन्वेस्टमेंट के लिए उकसाना।कनेक्शन तोड़ देना:
जब मोटी रकम इन्वेस्ट हो जाए, तो संपर्क काट देना और ऐप/वेबसाइट ब्लॉक कर देना।
Bitcoin में निवेश से पहले ये सावधानियां ज़रूर रखें
प्राइवेट कीज़/वॉलेट डिटेल्स किसी से शेयर न करें।
अज्ञात लिंक या विज्ञापन पर क्लिक करने से बचें।
इंवेस्टमेंट से पहले पूरी जानकारी लें। क्रिप्टो वॉलेट्स और मार्केट्स को समझें।
रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार से सलाह जरूर लें।
डिवाइस को अपडेट रखें और मजबूत एंटीवायरस इंस्टॉल करें।
सोशल मीडिया के चमकते विज्ञापनों से दूर रहें।
ऐसे मामलों में सरकार की क्या भूमिका हो सकती है?
भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर अभी भी स्पष्ट रेगुलेशन नहीं है।
साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं।
सरकार को चाहिए कि वह डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स को कड़ाई से मॉनिटर करे।
RBI व SEBI जैसी संस्थाओं को ऐसे फर्जी ऐप्स को बैन करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
ऐसी घटनाओं से क्या सीख मिलती है?
एक वरिष्ठ अधिकारी, जो सालों तक आयकर विभाग में रहे, इतने आसानी से इस जाल में फंस सकते हैं तो आम नागरिकों की सुरक्षा और जागरूकता कितनी जरूरी है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
आजकल की टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग लोगों की खून-पसीने की कमाई मिनटों में हड़प रहे हैं।
अगर सतर्कता नहीं बरती गई तो अगला नंबर किसी का भी हो सकता है।
आपकी एक छोटी सी सावधानी आपको लाखों के नुकसान से बचा सकती है। जागरूक बनें, सतर्क रहें, और क्रिप्टोकरेंसी या किसी भी डिजिटल निवेश से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं।