Kaushambi जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। एक युवक ने अपने ही मामा की सरेआम हत्या कर दी, और इस जघन्य अपराध में उसके चचेरे भाई और एक दोस्त भी शामिल थे। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि यह हत्या एक प्रेम प्रसंग की वजह से हुई, जिसमें युवक का अपने मामा की पत्नी के साथ गैरसंबंध था।
क्या था पूरा मामला?
घटना कौशांबी के सिंकदपुर गांव की है, जहां 12 अप्रैल की सुबह एक व्यक्ति की खून से सनी हुई लाश पेड़ के नीचे पड़ी मिली। ग्रामीणों ने जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को दी, मामले की गंभीरता समझते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। मौके पर मिली एक गाड़ी के नंबर से पुलिस ने मृतक की पहचान की, जिसका नाम मचमहेन्द्र प्रजापति (28 वर्ष) था।
प्यार या पागलपन? युवक का मामी के साथ गैरसंबंध
पुलिस जब मृतक के परिजनों से पूछताछ करने पहुंची, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पता चला कि मृतक का भांजा आकाश नाम का एक युवक था, जिसका अपने ही मामा की पत्नी (मामी) के साथ अवैध संबंध था। यह प्रेम प्रसंग इतना गहरा था कि दोनों पहले दो बार घर से भाग चुके थे, लेकिन हर बार पकड़े गए।
पंचायत ने सुनाई खड़ी कोटी, युवक ने ले ली खून की सौगंध
इस पूरे मामले को लेकर गांव की पंचायत बुलाई गई, जहां मृतक ने आकाश और उसकी मामी को खूब फटकार लगाई। पंचायत में हुए अपमान से आकाश इतना आहत हुआ कि उसने अपने मामा को मारने की ठान ली। इसके बाद उसने अपने चचेरे भाई विजय और दोस्त रोहित को साथ मिलाया और तीनों ने मिलकर मचमहेन्द्र को पीट-पीटकर मार डाला।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए आकाश, विजय और रोहित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तीनों ने अपने जुर्म को कबूल किया और बताया कि कैसे उन्होंने मृतक को पत्थर से वार करके उसकी जान ले ली।
गांव में मचा हड़कंप, परिवारों में मातम
इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। एक तरफ जहां मृतक के परिवार में मातम छाया हुआ है, वहीं आरोपियों के घरवाले भी सदमे में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक हैं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या कहती है कानून की किताब?
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत हत्या के मामले में आरोपियों को उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है। पुलिस ने केस को गंभीरता से लेते हुए आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिया है। अब देखना यह है कि न्यायालय इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।
समाज के लिए सबक
यह घटना न सिर्फ अपराध की दुनिया का एक काला अध्याय है, बल्कि यह समाज के लिए एक गंभीर सबक भी है। अगर परिवार और समाज के बीच संवाद की कमी होगी, तो ऐसी दर्दनाक घटनाएं होती रहेंगी। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि प्रेम के नाम पर होने वाली हिंसा कितनी खतरनाक हो सकती है।