Meerut भूनी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से गायब हुईं तीन छात्राओं का मामला गुरुवार शाम से ही सुर्खियों में बना हुआ था। शुक्रवार देर रात आखिरकार ये तीनों छात्राएं शहर के गढ़ रोड स्थित आंबेडकरनगर इलाके से सुरक्षित मिल गईं। हालांकि, इस पूरे प्रकरण ने विद्यालय प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
घटनाक्रम: कैसे गायब हुईं छात्राएं?
गुरुवार शाम को विद्यालय की वार्डन रीना कुमारी ने एक छात्रा को मोबाइल फोन पर बात करते हुए पकड़ा। इसके बाद तीनों छात्राओं से पूछताछ की गई। वार्डन के व्यस्त होने का फायदा उठाकर ये छात्राएं चुपचाप विद्यालय से निकल गईं। विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे होने के बावजूद, इनवर्टर खराब होने के कारण कोई रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई: वार्डन-शिक्षिका बर्खास्त, BEO हटाए गए
इस मामले में जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वार्डन रीना कुमारी और पूर्णकालिक शिक्षिका बिंदिया की सेवाएं तुरंत समाप्त कर दीं। साथ ही, सरूरपुर ब्लॉक के बीईओ अजय कुमार को भी हटा दिया गया। विद्यालय में तैनात दो महिला होमगार्ड को भी निलंबित किया गया। बीएसए आशा चौधरी और जिला समन्वयक नेमपाल सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अगर वे दोषी पाए गए, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य महिला आयोग ने उठाए सवाल
राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चूक पाई। उन्होंने बताया कि विद्यालय की हालत बेहद खराब है और सीसीटीवी सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था। वह इस मामले में सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगी।
पुलिस की जांच जारी, छात्राओं से पूछताछ
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि छात्राओं को शुक्रवार रात 11 बजे मेडिकल थाना क्षेत्र के जागृति विहार के पास आंबेडकरनगर से बरामद किया गया। पुलिस ने उनसे पूछताछ की कि वे विद्यालय से क्यों भागीं। हालांकि, अभी तक उनकी गायब होने की सही वजह सामने नहीं आई है।
व्यापारी नेताओं और पुलिस में तकरार
इस मामले में मेरठ व्यापार मंडल के नेताओं ने भी हस्तक्षेप किया। महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ता विद्यालय पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इस पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। बाद में पुलिस अधीक्षक देहात और थाना प्रभारी से बातचीत के बाद उन्हें वार्डन से मिलने दिया गया।
अधिकारियों की नींद हुई टूट, पूरे जिले के विद्यालयों का निरीक्षण
इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया। शुक्रवार को ही जिले के सभी पांच कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का तत्काल निरीक्षण किया गया। खरखौदा, सरूरपुर, मवाना, किला परीक्षितगढ़ और पूर्वा अहिरान के विद्यालयों में सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की जांच की गई। कई जगहों पर दीवारें कमजोर, सीसीटीवी सिस्टम खराब और बिजली की समस्याएं पाई गईं।
क्या है आगे की कार्रवाई?
जिलाधिकारी ने सीडीओ नूपुर गोयल और एडीएम प्रशासन बलराम सिंह को इस मामले की जांच सौंपी है। लखनऊ से भी जिला प्रशासन को पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही, राज्य सरकार ने सभी आवासीय विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
यह घटना सरकारी आवासीय विद्यालयों में सुरक्षा के गंभीर खामियों को उजागर करती है। छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे, वरना ऐसी घटनाएं भविष्य में भी दोहराई जा सकती हैं।
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